शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और संजय राउत (sanjay raut) को सोमवार को एक बड़ा झटका लगा जब मुंबई सत्र अदालत ने पूर्व सांसद राहुल शेवाले द्वारा दायर मानहानि मामले में उनकी आपराधिक रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया. शेवाले ने ‘सामना’ में 29 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक लेख को लेकर यह मामला दर्ज किया था. लेख में दावा किया गया था कि शेवाले का पाकिस्तान में व्यापारिक हित था.
राहुल शेवाले अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के साथ हैं. उद्धव ठाकरे और संजय राउत की तरफ से पेश हुए वकील मनोज पिंगले ने ठाकरे और राउत की ओर से अदालत में पेश होकर दलील दी, जबकि वकील चित्रा सालुंखे ने शेवाले का प्रतिनिधित्व करते हुए इस याचिका का विरोध किया.
स्पेशल जज ने खारिज की उद्धव ठाकरे और संजय राउत की याचिका
स्पेशल जज एयू कदम ने ठाकरे और राउत की आपराधिक रिवीजन याचिका को खारिज करते हुए कहा, “दोनों पक्षों को सुनने के बाद, यह आदेश दिया गया है: आपराधिक रिवीजन याचिका खारिज की जाती है. मुंबई मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को जानकारी दें. रिकॉर्ड और कार्यवाही तुरंत ट्रायल कोर्ट को भेजे जाएं.”
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जारी किया था समन
उद्धव ठाकरे और राउत को इस मामले में पहले ही मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा समन जारी किया गया था. उन्होंने इसे चुनौती देते हुए रिवीजन याचिका दाखिल की थी. शेवाले का दावा है कि ‘सामना’ में प्रकाशित यह रिपोर्ट निराधार थी और उनके राजनीतिक करियर और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. उन्होंने इसे “बनावटी कहानी,” “बिना कोई मेरिट का” उदाहरण बताया था.
ठाकरे-राउत ने कोर्ट में जताया विरोध
हालांकि, ठाकरे और राउत ने इस शिकायत को झूठा बताते हुए इसका विरोध किया. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) का हवाला दिया, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता की गारंटी देता है.