Breaking News

इस्लाम विरोधी है ‘सर तन से जुदा’ नारा, NSA डोभाल की मौजूदगी में बोले मुस्लिम धर्मगुरु

दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने शनिवार को ऑल इंडिया सूफी सज्जादनशीन काउंसिल (All India Sufi Sajjadanshin Council) के इंटरफेथ सम्मेलन (interfaith convention) में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की तरक्की को बाधित कर रहे हैं. वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं. इससे पूरे देश के साथ-साथ विदेश में भी इस असर देखने को मिल रहा है.

वहीं काउंसिल के अध्यक्ष हजरत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने एनएसए के सामने कहा, ”सर तन से जुदा हमारा नारा नहीं है. यह इस्लाम विरोधी नारा है.” उन्होंने कहा कि एक एंटी रैडिकल फ्रंट स्क्वॉड बनाया जाए, जिसमें सभी संगठन एक साथ आएं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पीएफआई के खिलाफ सबूत हैं तो उन पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं.

नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि दुनिया में एक अजीब सा कॉन्फ्लिक्ट सा पैदा हो गया है लेकिन अपने देश में हमने घरों को महफूज रखा. उन्होंने कहा कि चंद लोग जो धर्म के नाम पर या किसी और विचारधारा के नाम पर विवाद खड़ा करते हैं, उसका असर पूरे देश में पड़ता है.

कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने की जरूरत
नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है तो हम उसकी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और उन्हें प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है. चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

पीएफआई को बैन करने पर बनी सहमति
कॉन्फ्रेंस में सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि पीएफआई जैसे संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.

कॉन्फ्रेंस में सर्वसम्मति ने यह भी संकल्प लिया गया कि किसी चर्चा या बहस के दौरान देवी-देवता या पैगंबर को निशाना बनाने की निंदा की जानी चाहिए और ऐसे मामलों को कानून के तहत ही निपटाया जाना चाहिए.

अल्पसंख्यकों को देश के लिए फक्र महसूस करवाना होगा
वहीं सम्मेलन में अजीत डोभाल ने कहा कि अल्पसंख्यकों को लगता होगा कि वो एक बहुत छोटी आवाज हैं लेकिन ऐसा नहीं है. आप सबसे ज्यादा सक्षम लोग हैं. उन्हें आवाज बुलंद करना होगा. हर बच्चे-बुजुर्ग को इस मुल्क पर के लिए फक्र महसूस करवाना होगा. इस देश को आगे बढ़ाने में हर धर्म, हर हिस्से का योगदान है.