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आतंकवाद और कट्टरता पर अमित शाह ने अधिकारियों से मांगे जवाब, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर सख्ती

अनुच्छेद 370 समाप्त होने बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थितियों पर बुलाई उच्च स्तरीय बैठक में सख्त रुख दिखाया है। अमित शाह ने आतंकवाद, कट्टरता और नागरिकों की बेरहमी से हो रही हत्याओं पर जवाब मांगा है। इससे पहले श्रीनगर हवाई अड्डे पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया।


ज्ञात हो कि शाह की तीन दिवसीय यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब कश्मीर में आतंकियों ने आम नागरिकों को हमलों का निशाना बनाया है। अमित शाह सबसे पहले नौगाम में शहीद इंस्पेक्टर के घर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। अमित शाह ने इंस्पेक्टर परवेज अहमद के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की, जिनकी आतंकियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। जून में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जा रहे इंस्पेक्टर परवेज की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

साजिश रचने वालें से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध

गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में लक्ष्य सदैव बड़ा होना चाहिए। बड़े लक्ष्य रखने वालों की ईश्वर मदद करता है। कश्मीर के विकास के लिए पीएम मोदी प्रतिबद्ध हैं। कश्मीर के विकास के लिए सरकार हर संभव फैसला ले रही है और भविष्य में भी लेगी। कश्मीर के लोगों के साथ हम सभी हैं। शाह ने कश्मीर के युवाओं से कहा कि आप बड़े सपने देखें। सरकार आपके सपनों को साकार करेगी। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं किसी विधायक या मुख्यमंत्री का बेटा नहीं हूं। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें लोकतंत्र है। इसी लोकतंत्र के दम पर आप जम्मू-कश्मीर के सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर को भ्रष्टाचार ने दीमक की तरह नुकसान पहुंचाया है। सभी योजनाएं कुछ परिवारों और उनके लोगों तक ही सीमित रहती थीं। अनुच्छेद-370 हटने के बाद विकास के द्वार सभी के लिए खुले हैं। मैं बताना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर की शांति और विकास को जो लोग नुकसान पहुंचाने की कोशिश और साजिश रचेंगे, उनसे सख्ती से निपटने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। विकास की पहली शर्त ही कि कश्मीर में शांति हो। कश्मीर में दहशतगर्दी को समाप्त करने का काम हमारे जवान करेंगे। मैं पाकिस्तान को जवाब दे सकता हूं, लेकिन मैं यहां आप से बात करने आया हूं। मैं कश्मीर के युवा साथियों को बताने आया हूं कि मोदी सरकार आपके लिए कई योजनाएं लाई है। इन योजनाओं को आप लाभ लें। प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तो रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सेब और केसर की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

 

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद शाह की यह पहली यात्रा है। इससे पहले शाह ने 2019 में गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक बाद राज्य का दौरा किया था। उन्होंने तब अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा की थी और केंद्रीय योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाह शनिवार को श्रीनगर में सुरक्षा और विकास संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे और रविवार को जम्मू में एक जनसभा करेंगे। गृह मंत्री के केंद्र शासित प्रदेश के दौरे से पहले, श्रीनगर में कई यातायात प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें दोपहिया वाहन चलाने वालों को भी कड़ी सुरक्षा जांच का सामना करना शामिल है। इसके अलावा, सुरक्षा उद्देश्यों के लिए कुल 50 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीमों को तैनात किया गया है।

जम्मू और कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों की हत्याओं के बाद, केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 700 लोगों को हिरासत में लिया गया है, कुछ को कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है। इस बीच, जन सुरक्षा अधिनियम 1978 के तहत जम्मू-कश्मीर से कुल 26 बंदियों को आगरा की केंद्रीय जेल में स्थानांतरित किया गया है। अमित शाह केंद्र शासित प्रदेश के दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ उच्च स्तरीय भी बैठक करेंगे और विकास परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेंगे। रविवार को शाह जम्मू जाएंगे, जहां वो आईआईटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे, उसके बाद दिन में एक रैली को संबोधित करेंगे। श्रीनगर के लिए उड़ान भरने से पहले वह कश्मीरी पंडितों के दल से भी वहां मुलाकात कर सकते हैं। सोमवार को अमित शाह सिविल सोसायटी के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात करेंगे. उसके बाद वो नई दिल्ली लौट जाएंगे।