पांच डाॅक्टरों के टीम द्वारा पोस्टमाॅर्टम के बाद ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का अस्पताल से बाघम्बरी मठ लाया गया। इस दौरान फूलों से सजे वाहन पर उनके पार्थिक शरीर को रखा गया। महन्त नरेन्द्र गिरि की अंतिम यात्रा अस्पताल से प्रारम्भ हो कर मठ होते हुए संगम पहुंची।
संगम स्नान के बाद फिर समाधि के लिए मठ लायी गयी। उनके पार्थिव शरीर को पानी की टंकी तिराहा, अलोपी मंदिर तिराहा, गाय बछड़ा तिराहा, जीटी जवाहर, तिनकोनियां फोर्ट, किला संगम चैकी ले जाई गयी। हनुमान मंदिर से यात्रा मठ के लिए रवाना हुई।
बाघम्बरी मठ में कुछ देर रखने बाद शव को संगम स्नान के लिए ले जाया गया। संगम स्थान के भक्तों ने समधि स्थल पर पार्थिव शरीर ले कर पहुंचे। इससे पहले समाधि की पूरी तैयारियां हो चुकी थीं। समधि स्थल पर एक कपड़ा बिछकर चीनी और नामक बिछाया गया हैं। 13 अखाड़ों के महंत समाधि की प्रक्रिया कों पूरा करा रहे हैं। महंत कैलाशानंद समाधि प्रक्रिया का निरिक्षण कर रहे हैं। उन्हीं के निर्देश पर सभी प्रक्रिया संचालित हो रही है।
समधि स्थल पर बड़ा कपड़ा लगाया गया हैं क्योंकि उनके शव से कपड़ा हटाया जायेगा। 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि महंत नरेंद्र गिरि को बाघम्बरी मठ में भू समाधि दे रहे हैं। समाधि से पहले की विधि पूरी की गई। उनके पार्थिव शव को स्नान कराया गया। मठ में नींबू के पेड़ के पास समाधि स्थल बनाया गया है। इसी जगह पर उनकी इच्छा के अनुसार समाधि दी जा रही है।