अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में चीनी सैनिकों (chinese soldiers) के साथ भारतीय पक्ष की झड़प का मुद्दा गर्माया हुआ है। भारत (India) ने साफ कर दिया है कि अपने क्षेत्र से थोड़ा भी पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश का ताजा मामला फिलहाल के लिए खत्म हो गया है, लेकिन आगे इस मामले के बढ़ने की आशंकाएं हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को सदन में पूरे मामले की जानकारी दी।
एक रिपोर्ट में एक शीर्ष सरकारी पदाधिकारी के हवाले से बताया गया, ‘हम उन सभी हिस्सों पर दावा करते हैं, जहां हम गश्त कर रहे हैं। जहां हम पेट्रोलिंग कर रहे हैं, वहां हमारा दावा वैसा ही बना रहेगा।’ सरकारी पदाधिकारी ने बताया कि अरुणाचल का मामला अभी के लिए खत्म हो गया है, लेकिन इसके आगे बढ़ने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘हम इन मामलों को कूटनीतिक तरीकों से हल करेंगे। हम सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात करेंगे। हमारे सैनिक अच्छा लड़े और उचित जवाब दिया गया। हम मानते हैं कि उनके दावे गलत हैं और हम हमारे इलाकों में गश्त जारी रखेंगे। हमें इस मुद्दे पर कोई युद्ध होते नहीं दिख रहा है।’
रक्षा मंत्री सिंह ने संसद को बताया कि किसी भी भारतीय सैनिक की जान नहीं गई है और ना ही कोई गंभीर चोटें आई हैं। लोकसभा में उन्होंने कहा, ‘इस आमने सामने में दोनों तरफ के कुछ सैनिकों को चोटें आई हैं। मैं इस सदन को बताना चाहूंगा कि हमारे किसी भी सैनिक की जान नहीं गई और ना ही कोई गंभीर चोट लगी है। भारतीय सैन्य कमांडर्स के समय रहते दखल के चलते पीएलए सैनिक अपनी जगहों पर वापस लौट गए।’
चीन के हरकत के क्या हो सकते हैं कारण
रिपोर्ट में इंटेलीजेंस एनालिसिस के हवाले से बताया गया कि चीन के इस एक्शन के कई कारण हो सकते हैं। इनमें कड़े कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ चीन में जारी विरोध प्रदर्शन के चलते राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बैकफुट पर होना शामिल है। साथ ही पूर्वोत्तर असमान भूभाग होने के चलते असुरक्षित है और चूंकि कई इलाकों में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी कम है, तो चीन समझता है कि अगर वह वहां पैर जमा लेता है, तो उसे जल्दी पूरी दुनिया से अलग-थलग कर सकता है।