रेलवे के अफसर भविष्य में स्पेशल यात्री ट्रेन या मालगाड़ी चलाने के लिए अधिक माथापच्ची नहीं करेंगे। अफसर खास मौके पर कंप्यूटर से डाटा निकालेंगे और जरूरत के अनुसार स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर देंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार यादव ने सभी जोन को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और नेशनल रेल प्लान पर योजना तैयार करने के लिए कहा है। दोनों योजनाओं का उद्देश्य रेलवे का परिवहन 28 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करना है।
रेलवे की क्षमता बढ़ाने को लेकर इंटेलीजेंस और नेशनल रेल प्लान पर रेलमंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के सीईओ ने महाप्रबंधकों के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने अधिकारियों को दोनों योजना पर काम शुरू करने का निर्देश दिया है। जोन के अधिकारी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तहत हर गतिविधि का डाटा बैंक तैयार करेगा। इसी डाटा बैंक के आधार पर जरूरत के अनुसार त्वरित फैसले लिए जाएंगे।
नेशनल रेल प्लान में पूरा ढांचा बदलेगा। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल रेल प्लान 2050 के लिए है। इसे 2030 तक तैयार करना है। नेशनल रेल प्लान में जोन के हावड़ा-नई दिल्ली, नई दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सभी फाटकों के स्थान पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनाया जाएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक जोन के दोनों रूट पर 160 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेनें चलाने के लिए 2024 तक सभी फाटक बंद हो जाएंगे। उत्तर मध्य रेलवे के अन्य ट्रैकों पर भी यात्री ट्रेनों की रफ्तार 10 किमी प्रति घंटा (120 किमी) बढ़ाने की है। इसके अलावा जोन के सभी रूट विद्युतीकृत हो जाएंगे।