देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ताजा घटनाक्रम पंजाब का है, जहां पिछले एक सप्ताह से सियासी ड्रामा जारी है। पंजाब का असर अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर भी दिखने लगा है। वहीं, इस बीच पार्टी के लिए एक और बुरी खबर आ रही है। पूर्वोत्तर में कांग्रेस को करारा झटका लग सकता है।
मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और पूर्वोत्तर पहाड़ी राज्य के करीब एक दर्जन विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़कर जल्द ही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा,अब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, कांग्रेस हाईकमान से नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें किनारा कर दिया।
ऐसे में उन्होंने टीएमसी में अपना सियासी भविष्य को देखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकुल संगमा पिछले सप्ताह बंगाल दौरे पर गए थे, इस दौरान कोलकाता में टीएमसी लीडरशिप से मुलाकात की थी। । संगमा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से उनकी हालिया मुलाकात की खबरों का खंडन किया था।
सुष्मिता देव की शामिल होने के बाद अटकलें तेज
हालांकि, सुष्मिता देव की मेघालय यात्रा के बाद से इसकी चर्चा बढ़ गई कि संगमा टीएमसी का दामन थामने वाले हैं। गौरतलब है कि अगस्त में ही सुष्मिता देव कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल हो गई थीं। संगमा कांग्रेस छोड़ देते हैं, तो कई अन्य विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं। ऐसे में संगमा ने कुछ समय तक के लिए पार्टी छोड़ने का फैसला टाल दिया था।
13 विधायक जाने को तैयार
खबरें आ रही है कि अब संगमा कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। संगमा का गारो हिल्स क्षेत्र के विधायकों के साथ अच्छे संबंध हैं, करीब एक दर्जन से ज्यादा विधायक संगमा के साथ हैं। पार्टी के दो प्रमुख कार्यक्रमों से भी दूर रहे थे, इसके बाद से संगमा पर आरोप लगाने शुरू हो गए थे। कोरोनाकाल में संगमा पर लोगों की मदद नहीं करने और जनता को किसी प्रकार के सहयोग नहीं करने का आरोप लगा था।