जब से अफगानिस्तान में तालिबानियों (Taliban) के सत्ता आ गयी है, तभी से दुनिया के दूसरे देशों के साथ उसके संबंधों पर बाते हो रही है । तालिबान लगभग सभी देशों से दोस्ती चाह रहा है, पर इजरायल को लेकर वो ये बात स्पष्ट कह रहा है कि वो इस देश से कोई रिश्ता नहीं रखेगा । तालिबान के प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में बोला कि इजरायल को छोड़कर अफगानिस्तान बाकी सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करने का इच्छुक है।
अमेरिका से हाथ मिलाने की जताई इच्छा
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक बातचीत में कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए भी तैयार है। सुहैल शाहीन ने कहा कि नए अध्याय में अगर अमेरिका हमारे साथ रिश्ता रखना चाहता है तो हमइसका स्वागत करेंगे। ये दोनों देशों के हित में होगा । जब इजरायल को लेकर सवाल पूछा गया तो तालिबान के प्रवक्ता सुहैल ने कहा, “हम इजरायल के साथ किसी भी रूप में संबंध नहीं रखेंगे. हम सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन इजरायल का नाम इसमें शामिल नहीं है।”
पाकिस्तान का मिला साथ
असल में, अब इसमें कोई भी शक नहीं है कि तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता में लाने में पाकिस्तान की मुख्य भूमिका है। जब पाकिस्तान ने आज तक इजरायल को किसी तरह की मान्यता नहीं दी है, ऐसे में तालिबान से भी येआशा नहीं की जा सकती कि वो इजरायल के साथ संबंध रखेगा । बता दें कि तालिबान ने सत्ता में आने के पश्चात इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का नाम बदलकर इस्लामिक अमीरात कर दिया है । तालिबान केअनुसार वो शरिया के अंतर्गत देश चलाएगा। अधिकतर इस्लामिक देशों के इजरायल से राजनयिक संबंध नहीं हैं । ऐसे में तालिबान की ओर से इजरायल से रिश्ता ना रखने की बात कहना कोई चौंकाने वाला फैसला नहीं लिया है ।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बीते माह इजरायल के सरकारी प्रसारक से बात कर के सभी लोगों को हैरान कर दिया था। हालांकि, बाद में की ओर से सफाई देते हुए ये बोला गया था कि उन्होंने अनजाने में ये बात की ।शाहीन ने आगे कहा था कि उन्हें बिल्कुल इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह इजरायल की समाचार एजेंसी हो सकती है । शाहीन ने जब इंटरव्यू दिया था तो इजरायली ब्रॉडकास्टर ने उन्हें अपने नेटवर्क का नाम बताया था, येनहीं बताया कि वह चैनल इजरायल का है। ये इंटरव्यू जैसे ही ब्रॉडकास्ट हुआ सोशल मीडिया पर लोग हैरान होने लगे। कुछ ही घंटों में शाहीन ने ट्वीट कर इसकी सफाई भी दी कि उन्हें नहीं पता था कि वह किससे बात कर रहे थे।
इजरायल देश है
आपको बता दें अधिकतर मुस्लिम देशों की भाति ही, अफगानिस्तान की सरकार ने भी इजरायल की सरकार कोमान्यता नहीं दी थी । हालांकि, पिछले साल से ही यूएई, बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के साथ रिश्ते बनाए थे । जब 1996-2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार थी तो सिर्फ सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने उसे मान्यता दी थी । पर अब हालात बदल गए हैं।