अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) में पूरा अगस्त का महीना शांति से निकल गया. जबकि अटलांटिक में हरिकेन सीजन (Hurricane season) शुरू हो जाता है. लेकिन इसके बाद हेलीन (Helene) आया. तबाही मचाई. 15 दिन के अंदर दूसरा तूफान आ गया. इसके बाद से लगातार तटीय इलाकों में दिक्कत हो रही है. तेज हवाएं चल रही हैं. बारिश हो रही है। अब कैटेगरी-4 का हरिकेन मिल्टन (Hurricane Milton) अपनी तूफानी हवाओं से परेशान कर रहा है. एक के बाद दूसरा तूफान…यहां अंत नहीं हो रहा है. अभी और तूफान आने वाले हैं. वैज्ञानिकों ने बाकायदा चेतावनी दी है।
NOAA के मुताबिक 2024 के हरिकेन सीजन में 17 से 25 तूफान आने हैं. जिसमें से 8-13 तूफान हरिकेन बन सकते हैं. इसके अलावा 4 से 7 हरिकेन तो बड़े हरिकेन का रूप ले सकते हैं. इन तूफानों में से 85 फीसदी सामान्य से खतरनाक होंगे. इस बात से वैज्ञानिक भी इत्तेफाक रखते हैं। टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी में एटमॉस्फियरिक साइंस डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर केली नुनेज ओकासियो कहती हैं कि हो सकता है कि हमें इस सीजन के खत्म होने तक और उसके बाद भी तूफान आते हुए दिखें।
NOAA के मुताबिक अक्तूबर में इस तरह के तूफानों का आना कोई हैरानी की बात नहीं है. आमतौर पर ऐसे तूफान मई में आते हैं. लेकिन हरिकेन सीजन की शुरूआत बेरिल, डेब्बी और अर्नेस्टो तूफानों की वजह से हुई. सब शांत चल रहा था। 13 अगस्त से 3 सितंबर तक कोई दिक्कत नहीं थी. कोई ऐसा तूफान नहीं था, जिसका नाम दिया गया हो. इसी समय सबसे ज्यादा हरिकेन आते हैं. सीजन शांत चल रहा था. फिल हेलीन और मिल्टन आए. आसमानी शांति खत्म हो गई।
अफ्रीकी मॉनसून सीजन और ला-नीना जैसे मौसमी पैटर्न अटलांटिक महासागर में हरिकेन को ताकत देते हैं. तूफान बनाते हैं. गर्मियों में लग रहा था कि इस बार तूफान का सीजन सही समय पर होगा. ज्यादा तूफान आएंगे. लेकिन इस बार ये पता नहीं चल रहा है कि कब कौन सा तूफान कितना ताकतवर हो जाएगा। तूफान लगातार अपना रूप बदल रहे हैं. अफ्रीका के मॉनसूनी सीजन और ला-नीना की वजह से इस बार मौसम बदला हुआ है. तूफान के बनने और तेज होने में अंतर नहीं बचा है. अगले कुछ हफ्तों में और ऐसे खतरनाक तूफानों के आने की पूरी आशंका है।
NOAA की माने तो इस बार सीजन के अंत तक 13 हरिकेन आएंगे. खासतौर से मेक्सिको की खाड़ी वाले इलाके से पैदा होकर तबाही मचाएंगे. इसके बाद ये दक्षिण की तरफ कैरिबियन इलाके की तरफ बढ़ेंगे। मिल्टन की वजह से फ्लोरिडा गल्फ कोस्ट के पास टांपा चिड़ियाघर से 1000 जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. जिसमें अफ्रीकन हाथी, फ्लैमिंगो, पिग्मी हिप्पो जैसे जीव भी है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस तूफान की वजह से समंदर की लहरों में जो उछाल आएगा, उससे टांपा, सेंट पीटर्सबर्ग, सारासोटा, पोर्ट शार्लोट, केप कोरल, फी. मायर्स, नेपल्स और जैक्सनविले जैसे इलाकों में समुद्री बाढ़ आएगी. यानी तेज समुद्री लहरें शहरों, कस्बों और तटीय इलाकों में अंदर तक जाएंगी. ऊपर से बारिश अलग।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि स्टॉर्म सर्ज यानी समुद्री लहरों की उछाल से आई बाढ़ से 2 से लेकर 15 फीट तक पानी भरने की संभावना है. सारासोता से केप कोरल तक 10 से 15 फीट पानी भर सकता है. बाकी पड़ोसी इलाकों में 8 से 12 फीट तक. यानी लोगों के घरों का बड़ा हिस्सा डूब जाएगा।