उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में जनता को हो रही परेशानियों पर अखिलेश यादव ने जमकर भाजपा सरकार को कोसा है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के दर्जनों जनपद में नदियां उफान पर हैं. बाढ़ की विभीषिका में फंसे लोग जान-माल की गुहार लगा रहे हैं. तटबंध टूट रहे हैं. सड़क-सम्पर्क मार्ग तेज लहरों के बहाव में ध्वस्त हो रहे हैं. हर ओर तबाही है. बेबस पशु चारा-पानी को तरस रहे हैं. बीमारियां फैल रही हैं और भाजपा सरकार को इधर देखने की फुर्सत नहीं है. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार आए दिन अपनी विज्ञापनी प्रचार उत्सवों के आयोजन में व्यस्त है.
‘मुख्यमंत्री के गृह जनपद के हालात बिगड़ते जा रहे’
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि खुद मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. 6 प्रमुख नदियां यहां उफान पर हैं. भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया है और कई तटबंध टूट-फूट गए हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर गोण्डा, गोरखपुर, अयोध्या, रायबरेली, फर्रूखाबाद, कुशीनगर जनपदों में, बाढ़ ने ऐसा कहर मचाया है कि लोग अपने घर-गांव छोड़कर भाग रहे हैं. उन्हें जान बचाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि सैकड़ों गांवों में लोगों के घरों में पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. सैकड़ों हेक्टेयर फसल नदियों के जल प्रवाह में डूब गई है.
‘बाढ़ के हालात पर सरकार ने कोई गम्भीरता नहीं दिखाई’
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता बाढ़ के प्रकोप से त्राहि-त्राहि कर रही है. भाजपा सरकार ने बाढ़ के हालात पर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है. राहत कार्य अभी तक नहीं चल रहे हैं. और बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की सुचारू व्यवस्था नहीं है. कई जनपदों में ज्वर और दूसरी बीमारियां भी फैल रही हैं, जिनके इलाज के लिए कोई चिकित्सीय मदद नहीं मिल रही है. सब कुछ भगवान भरोसे है. ठीक उसी तरह जैसे कोरोना पीड़ितों की भाजपा ने कोई सुध नहीं ली थी. अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार पूर्णतया संवेदनशून्य है. जनता ने इसलिए तय कर लिया है कि 2022 में अब वह भाजपा की किसी चाल में न फंसकर सपा को ही विजयी बनाएंगे.