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PM मोदी ने गरीब श्रमिकों के लिए किया बड़ा ऐलान, 20 जून से शुरू होगा ये अभियान

अपने दर्द को अपना हमसफ़र बनाने वाले प्रवासी मजदूरों की पीड़ा ने इस लॉकडाउन में समस्त देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। मजदूरों की इस दर्दनाक पीड़ा ने न महज़ आंखों को नम किया बल्कि तन को भी झकझोर  दिया। पूरा देश जब खौफ के साए के बीच अपने घरों में कैद था तो यह मजदूर वीरान हो चुकी सड़कों पर अपने परिवार के संग अपने नए ठिकाने की तलाश में अकेले ही चल दिए थे। न किसी का साथ और न ही कोई साथी बस अकेले ही चल पड़े अपने नए ठिकाने की तलाश में।

अपने नए ठिकाने पर पहुंचने के बाद इन मजदूरों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती रही रोजगार की…दो जून की रोटी की तलाश की, चूंकि इस लॉकडाउन में रोजगार का संकट आने के बाद ही इन्हें इन महानगरों से रूखसत होकर अपने नए ठिकाने की तलाश करने पर मजबूर होना पड़ा। अब इन्हीं पीड़ा को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए 20 जून को एक नए मेगा अभियान की शुरूआत करने जा रहे हैं। इस अभियान को गरीब कल्याण रोजगार अभियान का नाम दिया गया है।

बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों, किसान और मजदूरों के हित में केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब चाहे वो 1.70 लाख करोड़ का गरीब कल्याण पैकेज प्रदान करना हो या, 20 लाख करोड़ रूपए के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान हो। वहीं अब अपने इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण तबकों के मजदूरों को केंद्र सरकार रोजगार प्रदान करने की दिशा में अहम किरदार अदा करने जा रही है। अपने इस अभियान के माध्यम से केंद्र सरकार बिहार समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा इन 6 राज्यों के 116 जिलों को कवर करेगी। बीते दिनों इन जगहों पर 25 हजार से भी अधिक मजदूर यहां पहुंचे हैं।

इन अभियान में सरकार ने 25 तरह के कामों को शामिल किया है। इन अभियान को मुकम्मल करने की दिशा में 50 हजार करोड़ रूपए खर्च करने का अनुमान जताया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाना है। इस अभियान में काफी संख्या में ऐसे मजदूर शामिल होने जा रहे हैं, जिनके समक्ष आजीविका संकट पैदा हुआ। ऐसी स्थिति में इनके लिए यह अभियान किसी रामबाण से कम नहीं होगा।