संभल (Sambhal) की जामा मस्जिद (Jama Masjid) में सर्वे (survey) और हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच चुका है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना (sanjeev khanna) और जस्टिस पीवी संजय कुमार (PV Sanjay Kumar) की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई होगी. संभल की जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
SC में सर्वेक्षण कराने के आदेश को चुनौती
संभल जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली ये एसएलपी यानी विशेष अनुमति याचिका कमेटी ऑफ शाही जामा मस्जिद संभल बनाम हरि शंकर जैन के नाम से दाखिल हुई है. संभल मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने निचली अदालत के मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने के आदेश को चुनौती दी है.
याचिका में निचली अदालत के फैसले पर तुंरत रोक लगाने की गुहार लगाई गई है. CJI की बेंच शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी. मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को भी CJI संजीव खन्ना से इस संवेदनशील मामले पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था.
वकील ने मामले को बताया ‘असाधारण’
सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ये असाधारण मामला और परिस्थिति है इसलिए अदालत की ओर से असाधारण कदम उठाया जाए. संभल मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में कहा कि सिविल कोर्ट ने एकपक्षीय रूप से सर्वेक्षण के आदेश पारित किए तथा उसी दिन सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, जिसमें बहुत जल्दबाजी की गई. न तो नोटिस जारी किया गया और न ही प्रभावित पक्षों से जवाब मांगा गया.
‘धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचने की संभावना’
याचिका में कहा गया है कि मस्जिद समिति और राज्य दोनों से ही जवाब नहीं मांगा गया. जिस तरह से इस मामले में सर्वेक्षण का आदेश दिया गया तथा कुछ अन्य मामलों में आदेश दिया गया, उसका देश भर में हाल ही में पूजा स्थलों के संबंध में दायर किए गए कई मामलों पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा.
कमेटी ने कहा, ‘ऐसे आदेशों से सांप्रदायिक भावनाएं भड़कने, कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने तथा देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचने की प्रवृत्ति होगी.’ याचिका में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है. साथ ही यथास्थिति बनाए रखने की भी मांग की गई है.