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सौहार्द की मिसाल : श्रीराम मंदिर समर्पण निधि में मुस्लिम व्यवसायी ने दी एक लाख की राशि

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि योजना के तहत तेजी से राशि का संग्रह हो रहा है। इस बीच व्यवसायी हबीब ने एक लाख रुपए का आर्थिक योगदान समर्पण निधि में दिया। उन्होंने कहा कि मैंने आपसी सौहार्द और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए यह दान दिया है। हबीब समर्पण राशि देने के दौरान नहीं चाहते थे कि उनकी फोटो ली जाये। हबीब चेन्नई में प्रॉपर्टी डेवेलपर हैं। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए एक लाख आठ रुपए का चेक हिन्दु मुन्नानी और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से जुड़े लोगों को ये चेक सौंपा है। हबीब ने बताया कि मेरा एक दोस्त गनपत है। गनपत आरएसएस से जुड़ा है। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक योगदान देना चाहूंगा। गनपत की सलाह पर मैंने तत्काल इसके लिए सहमति दी। समर्पण निधि में दान का यह फैसला मैंने सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए किया। हबीब ने कहा कि मैने मना किया था कि चेक देने के दौरान फोटो न लें।

उन्होंने बताया कि मेरा हमेशा से ये सिद्धांत रहा है कि दाएं हाथ को पता नहीं चलना चाहिए कि बायां हाथ क्या कर रहा है। दान, सहयोग हमेशा गोपनीय होना चाहिए। मेरे दोस्त ने गनपत ने यह कह कर फोटो ले ली कि वो सिर्फ अपने रिकॉर्ड के लिए ले रहा है। शायद यही फोटो पता नहीं वायरल हो गई। हबीब ने कहा कि कई लोगों ने मुझे शुक्रिया कहा और मेरे इस कदम की तारीफ की। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये कह कर मेरी आलोचना कर रहे हैं कि इसके पीछे राजनीति है। हबीब ने बताया कि मेरा अच्छा कारोबार है मैं भला ऐसा क्यों करूंगा। हबीब के मुताबिक उनके कुछ गैर मुस्लिम दोस्त कह रहे हैं कि वो भी मस्जिद के निर्माण के लिए योगदान देंगे।

हबीब ने ये भी कहा कि हमारा देश महान है। यहां भाईचारे और सौहार्द को बढ़ाने के लिए जो कोई कुछ कर सकता है, उसे करना चाहिए। ज्ञात हो कि राम मंदिर निर्माण को लेकर आर्थिक सहयोग जुटाने का अभियान जारी है। तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में लोग आर्थिक सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं। गत माह गुजरात के पाटन के एक मुस्लिम डॉक्टर ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1.51 लाख रुपये की सहयोग राशि दी थी। जनरल सर्जन डॉ हामिद मंसूरी और उनकी पत्नी मुमताज मंसूरी ने ये राशि देते हुए कहा था कि वे इंसानियत को सबसे बड़ा रिश्ता मानते हैं। ये दंपति कुछ साल पहले अयोध्या गए थे तो राम लला के मंदिर भी गए थे।