Breaking News

सैटेलाइट इमेज में पकड़ी गई चीन की मक्कारी, भारत ने शुरू की जवाब देने की तैयारी

भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद प्रतिदिन आक्रमक होता जा रहा है. दरअसल चीन लगातार अपने सैनिकों को अभ्यास करा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ शराफत का मुखौटा पहन शांति की बात कर रहा है. ऐसे में इसे चीन का दोगलापन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?. हालांकि 1967 के बाद चीन ने दूसरी बार LAC पर इस विवाद में टांग अड़ाई है. जिसको भारत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता. चूंकि लद्दाख सीमा पर स्थित गलवान घाटी को लेकर चीन जबरन इसपर कब्जा करना चाहता है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इस पूरे मामले पर अलर्ट होते हुए चीन को मात देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही. बता दें कि बीते दिनों सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच की झड़प में काफी नुकसान हुआ. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे. वहीं इन दिनों लद्दाख हिंसा को लेकर चीन कितना भी झूठ परोसता रहे लेकिन सच्चाई खुद ब खुद सामने आ ही जाती है. दरअसल सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया है कि चीन ने गलवान घाटी में अपनी गतिविधियां पहले से ही तेज कर दी थी. और यही मसला इस विवाद का जानी दुश्मन बन गया. सैटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या चीन लद्दाख की घटना को पहले से अंजाम देने की तैयारियों में जुटा था? इससे पहले भी तस्वीरों में पहले भी चीन के युद्ध मिसाइल टैंक, एंटिक मिसाइलें देखी गईं थी. बहरहाल इससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन फिर से कोई नहीं चाल चल सकता है. इसलिए LAC पर भारत ने सेना की संख्या में इजाफा कर दिया है.

 

इस घटनाक्रम को देखते हुए कैलिफोर्निया के मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में ईस्ट एशिया नॉन प्रोलिफरेशन प्रोग्राम के निदेशक ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि चीन घाटी में सड़कों का निर्माण कर रहा है और संभवतः नदी को नुकसान पहुंचा रहा है’. गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हाल में हुआ संघर्ष 1967 के बाद से सबसे आक्रमक साबित हुआ है.

soldiers

मालूम हो कि गलवान घाटी रणनीतिक रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अक्साई-चिन से सटी हुई है. सैटेलाइट तस्वीरें अर्थ-इमेजिंग कंपनी प्लैनेट लैब्स (Planet Labs) द्वारा खीचीं गई हैं. एक विशेषज्ञ के मुताबिक, इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन घाटी के परिदृश्य को बदलने में लगा है. वहां ट्रैक चौड़े किये जा रहे हैं, साथ ही ऐसा लगता है जैसे नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा है. चीन ने इस इलाके में बुल्डोजर भी तैनात किये हैं, जिससे उसकी मंशा का अंदाजा लगाया जा सकता है.

india-china

हालांकि चीन द्वार किए जा रहे इस सैन्य अभ्यास से एक बात तो साफ हो गई है कि LAC पर आगे तनाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है, जिसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17 दलों की राजनीतिक नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में भारत की तरफ से चीन को मूंहतोड़ जवाब देने के लिए किसी अहम फैसले पर मुहर लगाई जा सकती है. इससे पहले भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सेना प्रमुखों से आगे की रणनीति पर चर्चा कर चुके हैं.