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सबसे कम उम्र में जिला पंचायत अध्यक्ष बन कर छात्रा ने बनाया रिकाॅर्ड, शपथ ग्रहण में कही ये बात

छात्र जीवन से राजनीति में आने वाली 21 साल की आरती तिवारी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में शपथ ले ली। बलरामपुर की जिलाधिकारी श्रुति ने आरती तिवारी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है। इसके साथ ही आरती तिवारी इस साल उत्तर प्रदेश की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। बलरामपुर जिले में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा आरती तिवारी को डीएम श्रुति ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के दौरान जिला पंचायत के सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने वाली आरती तिवारी एमएलके पीजी कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आरती तिवारी को चैधरीडीह जिला पंचायत क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में आरती तिवारी भारी मतों से विजयी हुईं। छात्र जीवन से सीधे राजनीतिक जीवन में प्रवेश करते हुए आरती तिवारी ने समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लिया है। उन्होंने शपथ ग्रहण के साथ ही कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका निर्वहन करते हुए निष्ठा के साथ काम करूंगी।

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बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व में आरती तिवारी को ही अपना जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया था। जिसमें आरती तिवारी निर्विरोध निर्वाचित हुईं। सोमवार को पद ग्रहण समारोह में बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा की भाजपा सरकार का नारा है ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ बलरामपुर की धरती पर चरितार्थ हो रहा है। जिला पंचायत के 40 सदस्यों ने भी अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। नवगठित जिला पंचायत बोर्ड में जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 90 प्रतिशत सदस्य युवा हैं।

ज्ञात हो कि आरती तिवारी की उम्र महज 21 साल है। आरती अभी बलरामपुर जिले के महारानी लाल कुंवरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। पहले जिला पंचायत सदस्य बनीं और जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध हुईं। आरती के चाचा श्याम मनोहर तिवारी बलरामपुर जिले में बीजेपी कि पुराने और प्रतिष्ठित नेता माने जाते हैं। बीजेपी ने पहले उन्हें ही जिला पंचायत सदस्य का टिकट दिया था, लेकिन श्याम मोहन तिवारी ने जब देखा कि सपा से किरण यादव को टिकट दिया है तो उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए अपनी भतीजी आरती तिवारी को मैदान में उतार दिया।