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शनिवार को जरूर करें शनिदेव के इन मंत्रों का जाप, आपकी हर मनोकामना होगी पूरी

आज शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। शनि केवल उनकी क्रूर दृष्टि के लिए नहीं बल्कि शनि की शुभ दृष्टि के लिए भी इन्हें जाना जाता है। अगर शनिदेव की दृष्टि किसी जातक पर शुभ पड़ रही हो तो उसके जीवन में अपार खुशियां आ जाती हैं। इन्हें कर्मों का देवता कहा जाता है। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। साथ ही पूजा करते समय उनके मंत्रों का जाप भी किया जाता है। आइए जानते हैं इन्हीं मंत्रों के बारे में।

शनिवार को शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का करें जाप: ॐ शं शनिश्चराय नम:

यह एक बेहद ही सरल मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने के लिए व्यक्ति को शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान कर काले वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर शनि मंदिर जाकर उन्हें पवित्र जल, तिल या सरसों का तेल, काला वस्त्र, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित करने चाहिए। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।

सुखद और सफल बनने की कामना के लिए इस मंत्र का करें जाप:

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।

आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

ये हैं अन्य मंत्र: शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

शनि देव का एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

शनि देव जी का गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ मन्दाय नमः। ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।

अगर आप साढ़ेसाती के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो निम्न मंत्र का करें जाप:

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।

शंयोरभिश्रवन्तु नः।

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।

छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।