Breaking News

विधानसभा चुनाव में गुलाबी गैंग का धमाकेदार प्रवेश, गैंग’ की कमांडर ने दिया सियासी बयान

विधानसभा चुनाव करीब आते ही सियासी दलों में हलचल तेज हो गयी है। टीवी सीरियल बिग बॉस से शोहरत बटोर चुकीं और जाको राखे साइयां जैसी फिल्म में अभिनय कर चुकी ‘गुलाबी गैंग’ की कमांडर संपत पाल एक बार फिर मऊ मानिकपुर विधानसभा चित्रकूट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का दम भर रही हैं। गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने कहा है कि कांग्रेस ने महिलाओं को 40 फीसदी टिकट और नौकरियों में समान कोटा देने का वादा किया है। कांग्रेस के वादे से गुलाबी गैंग की महिलाएं खुश हैं। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी जो वादा करती हैं,उसे पूरा भी करती हैं। कांग्रेस एकमात्र है जिसने शुरुआत में गरीबों के बारे में बात की थी।
गुलाबी गैंग की कमांडर ने कहा कि चित्रकूट के मऊमानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हूं। पिछले चुनाव में मैं दूसरे स्थान पर थी और इस बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ूगीं। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए 40 फीसदी टिकट का ऐलान किया है। जिससे निश्चित ही महिलाओं का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ा है। प्रियंका गांधी की सात प्रतिज्ञाओं से कांग्रेस को लाभ मिलेगा।

बीजेपी सरकार पर बोला हमला

लखीमपुर में किसानों को कुचला गया। हाथरस कांड और आगरा में दलित युवक की हत्या जैसी घटनाओं को जिक्र करने हुए संपत पाल ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से गरीब और किसान बेमौत मर रहे हैं। किसानों के लिए संकट की घड़ी है। संपत पाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हमारे पास लगभग 10-12 लाख महिलाएं हैं। पूरे भारत में गुलाबी गैंग चारों तरफ बिखरा हुआ है। गुलाबी गैंग की नेता ने सरकार पर निशाना साधने हुए कहा कि कि मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि झूठ और धोखे पर आधारित सरकारें ज्यादा दिन तक सत्ता में नहीं रह सकतीं हैं।

दुनिया की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल

ज्ञात हो कि 1947 में जन्मी संपत देवी पाल ने उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बदौसा गांव में रहकर ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर एक दल बनाया था। इस दल का नाम गुलाबी गैंग रखा था। इस संगठन में कार्य करने वाली महिलाएं यूनिफॉर्म की भांति गुलाबी रंग की साड़ी पहनती हैं। गुलाबी रंग के कारण ही इस गैंग को गुलाबी गैंग की पहचान मिली है। उन्होंने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए कई बार संघर्ष किया है। 2011 में अंतरराष्ट्रीय द गार्जियन पत्रिका ने संपत पाल को दुनिया की 100 प्रभावशाली प्रेरक महिलाओं के सूची में शामिल किया था।