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‘लव जिहाद कानून’ पर UP और MP में 5-10 साल की सजा का प्रावधान, जानें कानूनी मसौदा

इस वक्त देश में लव जिहाद (Love Jihad) का मामला बहुत गरमा गया है। कई राज्य लव जिहाद पर कानून बनाने के लिए विधेयक बिल पारित करने में लगे हैं, तो वहीं कई राज्य ये कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस शासित राज्य इस कानून के खिलाफ खड़ा है। हालांकि, भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश (UP) और मध्य प्रदेश (MP) में कानून बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लव जिहाद का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसके क्या प्रावधान होंगे, मसौदे में लिखा जा चुका है। कहा जा रहा है कि यूपी और एमपी में लव जिहाद का केस सामने आने के बाद आरोपी को पांच पांच साल की सजा दी जाएगी। आइए जानते हैं यूपी और एमपी में लव जिहाद कानून के मसौदे के बारे में..

UP में लव जिहाद कानून का मसौदा तैयार
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद पर कानून बनाए जाने का मसौदा तैयार हो गया है, जिसे परीक्षण के लिए गृह विभाग भेजा गया है। इसे अगले कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि मसौदे में लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इस कानून को गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है। लव जिहाद केस को ही मोल्ड करके गैर कानूनी धर्मांतरण का नाम दिया गया है। इसके मुताबिक, अगर कोई शख्स किसी लड़की को बहला फुसलाकर, धोखा देकर या फिर शादी के लिए जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करता है तो 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर इस मामले में कोई अधिकारी भी शामिल होता है तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा और उसे भी पांच साल की सजा दी जा सकेगी।

MP में लव जिहाद कानून
मध्य प्रदेश ने भी यूपी की तरह लव जिहाद कानून शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। सरकार ने मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020 का मसौदा लगभग पूरा तैयार कर लिया है। कहा जा रहा है कि अगले कैबिनेट बैठक में इस बिल को पेश किया जाएगा। एमपी सरकार ने इस कानून पर पांच साल की सजा का प्रावधान रखा है। कहा जा रहा है कि कोई भी शख्स यदि किसी लड़की के साथ जबरदस्ती शादी, धोखाबाजी या फिर धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे पांच साल की सजा सुनाई जाएगी। इसके अलावा जिनकी शादियां हो गई हैं और फिर शिकायत आती है तो मामला लव जिहाद से जुड़ा है तो उस विवाह को रद्द भी किया जा सकता है।

क्या है कानून
इस कानून के मुताबिक, यदि लव जिहाद मामले पर परिवार या सगे संबंधी को शिकायत करनी होगी जिसके बाद मामला फैमिली कोर्ट में जाएगा। कोर्ट में जाने के बाद प्रकरण कर्ता को सबूत देना होगा कि ये मामला लव जिहाद का है। अगर फैमिली कोर्ट से संतुष्टि नहीं मिलती है तो इस केस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। बताया जा रहा है कि जल्द ही ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप देकर विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद सीनियर सैक्रेटरी की कमेटी इस पर चर्चा करेगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। एक्ट में प्रलोभन, बलपूर्वक, फ्रॉड, बहकावे जैसे शब्दों का भी उल्लेख होगा। हालांकि, इस मामले में कितनी सच्चाई है इसे प्रूफ करने की जिम्मेदारी लड़का और लड़की के बयान पर आधारित होगा।

इन राज्यों में मांग तेज
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलावा बिहार व कर्नाटक राज्य में भी लव जिहाद पर कानून बनाए जाने की मांग तेज हो गई है। बिहार में लव जिहाद पर कानून बनाए जाने की मांग तेज हो गई है जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया है। गिरिराज सिंह ने इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार से सोचने की अपील की है। गिरिराज का कहना है कि, लव जिहाद को देश के सभी राज्यों में केवल हिंदुओं में नहीं बल्कि सभी गैर-मुस्लिमों में समस्या के तौर पर देखा जाना चाहिए। वहीं, कर्नाटक में भी इस कानून को बनाए जाने की मांग तेज हो गई है। कर्नाटक के भाजपा नेता का कहना है कि अगले विधानसभा सत्र में लव जिहाद के कानून को पारित किया जा सकता है।

कांग्रेस है खिलाफ
बता दें कि, कांग्रेस शासित राज्य इस कानून को बनाने के खिलाफ खड़े हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है और कहा है कि भाजपा सरकार आपसी सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही है। गहलोत ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, लव जिहाद शब्द भाजपा ने देश को बांटने व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है। शादी-विवाह व्यक्तिगत आजादी का मामला है जिसपर लगाम लगाने के लिए कानून बनाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह किसी भी अदालत में टिक नहीं पाएगा। प्रेम में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।