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लंबे समय से चली आ रही सेना की मांग को सुरक्षा समिति ने किया पूरा, संचार नेटवर्क मजबूत बनाने वाली परियोजना को दी मंजूरी

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने सेना की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए उसके संचार नेटवर्क को देश भर में मजबूत बनाने के लिए आर्मी स्टेटिक स्विचड कम्युनिकेशन (एस्कॉन) के चौथे चरण के नेटवर्क की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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एस्कॉन के चाैथे चरण के नेटवर्क के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम मेसर्स आईटीआई के साथ करार किया गया है। इस पर 7796़ 39 करोड़ रूपये की लागत आयेगी और इसे तीन वर्ष में पूरा करना होगा। कंपनी के साथ आज ही इस आशय के करार पर हस्ताक्षर किये गये हैं। यह नेटवर्क सेना द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे मौजूदा नेटवर्क का स्थान लेगा। इस नेटवर्क में संचार माध्यम के लिए आप्टिकल फाइबर केबल, माइक्रोवेव रेडियो और उपग्रह का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस नेटवर्क की मदद से सेना को किसी भी तरह के अभियान में बेहतर संचार सुविधा मिलेगी और संचार नेटवर्क का दायरा अंतर्राष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक के क्षेत्रों तक पहुंच जायेगा। इससे मध्य और पूर्वी सेक्टर के साथ साथ पश्चिमी सीमा के अग्रिम ठिकानों तक संचार सुविधा बेहतर बनेगी।

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अग्रिम क्षेत्रों तक संचार पहुंच अच्छी होने से सेना की संचालन तैयारी मजबूत बनेगी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रही स्थिति के मद्देनजर यह बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना में 80 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी होंगे जिससे घरेलू उद्योग को मजबूती मिलेगी। साथ ही इससे विभिन्न क्षेत्राें में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।