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रेप मामले में पूर्व सीएम के सलाहकार गिरफ्तार, पीड़िता ने पुलिस को बताई आपबीती

झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी को झारखंड पुलिस ने सैफई थाना क्षेत्र में आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार कर लिया। उसकी ट्रांजिट रिमांड की अपील इटावा कोर्ट में करने की जानकारी एसएसपी को दी गयी थी, लेकिन बाद में झारखंड पुलिस ने जिला पुलिस से संपर्क नहीं किया। याचिका खारिज करने के साथ उसकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने 25 अगस्त को वारंट जारी किया था। इसके बाद से वह फरार था, रविवार सुबह रांची, झारखंड पुलिस की स्पेशल टीम ने उन्हें यहां से गिरफ्तार किया। एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह को रांची की पुलिस टीम ने बताया था कि आरोपित को एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार किया है और उसे कोर्ट में पेशकर ट्रांजिट रिमांड लेंगी लेकिन बाद में झारखंड पुलिस ने उनसे या सैफई थाने से कोई संपर्क नहीं किया।

अब एसएसपी ने एसओजी व सैफई पुलिस को रांची की पुलिस टीम और सुनील तिवारी के बारे में पता लगाने के आदेश दिए हैं। स्थानीय पुलिस रांची पुलिस और सुनील तिवारी को खोज रही है। अशोक नगर निवासी सुनील तिवारी के खिलाफ अरगोड़ा थाने में बीते 16 अगस्त को एक युवती ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। युवती ने पुलिस को दिये आवेदन में कहा था कि वह सुनील तिवारी के यहां घर का काम करती थी। शुरुआती दिनों से ही उसे सुनील तिवारी की बुरी नीयत का अंदाजा उनके हावभाव से होने लगा था। एक दिन घर के अन्य सदस्यों की गैर मौजूदगी में तिवारी ने उसके संवेदनशील अंगों को छूना शुरू किया, जिसका उसने विरोध किया।

आरोप के मुताबिक विरोध करने पर शराब के नशे में सुनील तिवारी ने उसके साथ मारपीट की और फिर रेप किया। दुष्कर्म करने के बाद सुनील तिवारी ने मोबाइल पर फोन कर मुझसे माफी मांगी। दूसरे दिन उन्होंने मुझे पैसे का लालच देकर कहा कि मैं उस घटना का जिक्र किसी से न करूं। ऐसा करने पर वे मुझे मुंह मांगा पैसा देंगे। उस घटना के बाद सुनील तिवारी ने दोबारा मेरे साथ छेड़छाड़ की। फिर जुलाई महीने में मैंने उनका घर छोड़ दिया। इसके बाद भी उन्होंने मेरा पीछा नहीं छोड़ा और मुझे फोन करके परेशान करते रहे। जब मैंने छेड़खानी का विरोध किया तो जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गंदी-गंदी गालियां दी। मुझे जान से मारने की धमकी भी दी। युवती के आवेदन पर अरगोड़ा थाना में कांड संख्या 229/ 2021 दर्ज किया था। इसमें आईपीसी की धारा 376(1), 354 ए, 354 बी, 354 डी, 504, 504 और एससी एसटी एक्ट की धारा लगायी गयी थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान भी दर्ज कर लिया गया था। मामले में सिविल कोर्ट से सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था। उन्होंने सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तिवारी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका की गुहार लगाई थी।