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रमा एकादशी के दिन क्यों करते हैं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा,जानें पूजा का पूरा विधि विधान

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल रमा एकादशी का पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूरे विधि -विधान से पूजा की जाती है। रमा एकादशी का पर्व धनतेरस के पहले आता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा को बेहद शुभ माना जाता है।

रमा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है इस दिन लोग सुबह उठकर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा -अर्चना करते हैं और घर से दुख, दर्द दूर करने की मनोकामना करते हैं।

आइए जानते हैं रमा एकादशी पूजा का विधि –

1. इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए स्नान करते वक्त साबुन का प्रयोग ना करें

2. रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सम के आगे घी का दीपक जलाएं भगवान विष्णु को फल और फूल अर्पित करें।
3. रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को दूध,दही,घी ,शक्कर और शहद से मिलकर बना हुआ पंचामृत चढ़ाना चाहिए।
 4.कोई भी शुभ कार्य में यदि तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है। लेकिन एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ा नहीं जाता इसलिए रमा एकादशी से एक दिन पूर्व तुलसी के पत्ते को तोड़कर गंगाजल में रखे।

5. जो लोग रमा एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें भगवान विष्णु को भोग लगाने के पश्चात द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त- 

रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर शाम 04:04 से प्रारंभ होने जा रहा है जो 21 अक्टूबर शाम 5:22 पर समाप्त होगा। व्रत का पारण 22 अक्टूबर सुबह 6:26 से 8:42 तक रहेगा।