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योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब यूपी के हर जिले में खुलेगी निःशुल्क अभ्युदय कोचिंग

दूर से आने वाले और जिनकी आय कम है जो युवा कम्पटीशन परीक्षाओं की तैयारी के लिए बड़े शहरों में कोचिंग के लिए नहीं जा सकते, उन्हें निःशुल्क कोचिंग दिलाने की पूरी व्यवस्था योगी सरकार ने कर दी है। 16 फरवरी यानी वसंत पंचमी से हर मंडल में शुरू हो रही अभ्युदय कोचिंग की कार्ययोजना पर अंतिम मुहर लगाने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगले चरण का एलान कर दिया है। पहले मंडलों में इस कोचिंग की शुरुआत होगी इसके बाद प्रदेश के हर जिले में भी शुरू की जाएगी।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शनिवार को अभ्युदय कोचिंग के बारे में विस्तृत आदेश जारी कर दिया। शासनादेश के मुताबिक, वसंत पंचमी से मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत सभी मंडल मुख्यालय पर एक निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र मंडलायुक्त की अध्यक्षता में शुरू किए जाएंगे। राज्य स्तरीय और मंडल स्तरीय समिति के जरिए योजना चलाई जाएगी। राज्य स्तरीय समिति के लिए उप्र प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम) को नोडल संस्था और समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग नामित किया है। रिटायर आइएएस, आइपीएस, भारतीय वन सेवा, पीसीएस, पीपीएस संवर्ग और अन्य संवर्ग के अधिकारियों, रिटायर्ड ऑफिसर्स, विषय विशेषज्ञों द्वारा संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग आदि के प्रतियोगी छात्रों के लिए राज्य व मंडल स्तर पर फिजिकल-वर्चुअल क्लास निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। जबकि उप्र प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी सचिवालय के रूप में काम करेगी। प्रसिद्ध संस्थाओं से पाठ्य सामग्री लेने के लिए अग्रीमेंट किए जाएंगे।

बनेगा यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज
विषय विशेषज्ञों द्वारा वर्चुअल, साक्षात कक्षाओं और युवाओं के लिए कैरियर काउंसिलिंग सत्रों को भी आयोजित होंगे। राज्य स्तरीय समिति, मंडल स्तरीय समिति, उपाम के प्रवक्ताओं द्वारा व्याख्यान-लेक्चर को फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इस सुविधा को छात्र अपने मोबाइल फोन पर भी लाभ पा सकेंगे। ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर विभिन्न अधिकारी परीक्षा की तैयारी संबंधी अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए वीडियो शेयर करेंगे। उपाम द्वारा भी परीक्षा की तैयारी से संबंधित सामग्री, पुस्तक आदि का भी वीडियो अपलोड किया जाएगा। साथ ही लाइव सेशन, वेबिनार भी आयोजित किये जायेंगे। वीडियो व अन्य सामग्री को पोर्टल पर अपलोड करने से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी विषयों के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। वहीं विशेषज्ञों को इसके लिए एक हजार रुपये एक मीटिंग की दर से मानदेय दिया जाएगा।