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यूपी सरकार का बड़ा फैसला: अब महिलाओं के लिए हर जिले में होगा स्पेशल टीकाकरण बूथ

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में महिलाओं के लिए दो- दो स्पेशल टीकाकरण बूथ बनाए जाएंगे। इसका शुभारंभ सोमवार यानी सात जून को होगा। सरकार की ओर से टीकाकरण को गति देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। 18 से 44 साल की उम्र के  लोगों के टीकाकरण, अभिभावकों, कर्मचारियों, शिक्षकों के लिए अलग-अलग बूथ बनाए गए हैं। अब मुख्यमंत्री ने सोमवार से महिला स्पेशल टीकाकरण बूथ बनाने का निर्देश दिया है।

सोमवार से समस्त जनपद के महिला चिकित्सालय तथा संयुक्त चिकित्सालय में दो स्पेशल बूथ का संचालन किया जाएगा। यहां सिर्फ महिलाओँ का टीकाकरण होगा। इन बूथों पर सभी स्टॉफ भी महिला कर्मचारी होंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

सीएम योगी के सख्त निर्देश : टीकाकरण में लापरवाही की तो होगी कड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना टीकाकरण में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी तरह की शरारत की शिकायत मिले तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। टीकाकरण केंद्र पर कोविड प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन कराया जाए।

टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान को तेज किया जाए। एक जून से सभी जिलों में टीकाकरण चल रहा है। इसकी लगातार मानीटरिंग की जाए। लोगों को टीकाकरण के बारे में जागरूकता अभियान निरंतर चलता रहे। उन्होंने टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने, पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले 24 घंटे में तीन लाख 61 हजार सात सौ 86 से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है। गुरुवार शाम तक प्रदेश में कुल एक करोड़ 94 लाख 12 हजार 540 डोज लगाए जा चुके हैं। इसमें एक करोड़ 58 लाख 51 हजार नौ सौ 31 को पहली डोज और 35 लाख 60 हजार 609 को दूसरी डोज लगाई गई है। प्रदेश में टीकाकरण के लिए 6027 केंद्र बनाए गए हैं।

20 जून तक पूरा कराएं पीआईसीयू व एनआईसीयू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 की बैठक में निर्देश दिया कि 20 जून तक सभी जिलों में पीआईसीयू और एनआईसीयू का कार्य पूरा करा लिया जाए। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीआईसीयू स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ 50 बेड का एनआईसीयू भी बनाया जाए। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं। सभी जिलाधिकारी हर दिन पीआईसीयू और एनआईसीयू निर्माण कार्य की मानीटरिंग करें। प्रदेश में 85 मास्टर ट्रेनरों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टॉफ  आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग भी चल रहा है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।