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मोदी सरकार के एक फैसले से 5 साल तक पछताएगा चीन, घरेलू कंपनियों को होगा फायदा

मोदी सरकार (Modi Government) के एक फैसले से चीन को बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, कॉमर्स मिनिस्ट्री (Commerce Ministry) की जांच शाखा डीजीटीआर (Directorate General of Trade Remedies- DGTR) ने घरेलू विनिर्माताओं को सस्ते आयात से बचाने के लिए चीन के विटामिन- सी (Vitamin C) पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क (Anti-Dumping Duty) लगाने की सिफारिश की है.

DGTR ने अपनी जांच में कहा कि चीन का आयात घरेलू बाजार में बिक्री मूल्य और यहां तक ​​कि बिक्री की लागत से भी कम कीमत पर आ रहा है. डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि डंप किए गए आयात के कारण घरेलू उद्योग प्रभावित हुआ है.

5 साल तक चीन से निर्यात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश

अधिसूचना में आगे कहा गया, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाने वाली अधिसूचना की तारीख से पांच साल के लिए चीन में तैयार या चीन से निर्यात किए जाने वाले माल के आयात पर निश्चित डंपिंग रोधी शुल्क की सिफारिश की जाती है.

क्या हैं एंटी डंपिंग ड्यूटी

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भाषा में जब कोई देश या फर्म घरेलू बाजार में किसी उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर उसका निर्यात करता है, तो उसे डंपिंग कहा जाता है. डंपिंग से आयात करने वाले देश में उस उत्पाद की कीमत प्रभावित होती है, जिससे विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ता है.

वित्त मंत्रालय लेगा अंतिम फैसला

डीजीटीआर ने आयात पर 3.2 डॉलर प्रति किलोग्राम और 3.55 डॉलर प्रति किलोग्राम शुल्क की सिफारिश की है. वित्त मंत्रालय शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय लेता है.

भारत-मॉरीशस व्यापार समझौते के तहत आयात के लिये प्रक्रिया अधिसूचित की

एक अन्य फैसले में वाणिज्य मंत्रालय ने भारत- मॉरीशस मुक्त व्यापार समझौते के तहत मॉरीशस से अनानास, माल्ट बीयर, रम सहित कुछ वस्तुओं के लिये शुल्क दर कोटा (TRQ) और आयात की प्रक्रिया अधिसूचित कर दी. भारत- मारीशस वृहद आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (CECPA) एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है जो कि 1 अप्रैल से प्रभाव में आया है.

इस समझौते में भारत के लिये 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है. इनमें खाद्य एवं पेय पदार्थ, कृषि उत्पाद, कपड़ा और कपड़ा सामान, मूल धातु, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रनिक सामान, प्लास्टिक और रसायन तथा लकड़ी शामिल है

वहीं दूसरी तरफ मॉरीशस को इस समझौते के तहत भारत में उसके 615 उत्पादों के लिये तरजीही बाजार पहुंच उपलब्ध है. इनमें शीतित मछली, विशिष्ट प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजा फल, जूस, खनिज जल, बीयर, एल्कोहलिक ड्रिंक, साबुन, चिकित्सा और सर्जिकल उपकरण और परिधान आदि शामिल हैं.