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मुख्यमंत्री ने डीएम और पुलिस कप्तानों के कसे पेंच, लापरवाही बरतने पर कठोर कार्रवाई की दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार रात अपने सरकारी आवास पर जनसुनवाई प्रणाली (आईजीआरएस) व ‘1076 सीएम हेल्पलाइन’ के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की। इसके अलावा उन्होंने कानून-व्यवस्था, धान खरीद केन्द्र, संचारी रोगों, निराश्रित गो आश्रय स्थलों सहित शासकीय व जनकल्याणकारी योजनाओं आदि के सम्बन्ध में भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने 01 अक्टूबर को जनपदों मंे कार्यालय और जनसुनवाई में अनुपस्थित रहे 31 जिलाधिकारियों व 24 पुलिस अधीक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आईजीआरएस प्रणाली और सीएम हेल्पलाइन के तहत जनसुनवाई और जनसमस्याओं के समाधान के प्रति शिथिलता और लापरवाही बरतने एवं रूचि न लेने वाले जनपदांे के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कार्य प्रणाली में सुधार लाए जाने के निर्देश दिए।

सीएम योगी ने कहा कि लोक शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तापरक निस्तारण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने प्राप्त होने वाली शिकायतों के त्वरित, प्रभावी व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कार्यालय समय से पहुंचने और प्रतिदिन निर्धारित समय पर जनसुनवाई सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर, उन्हें दण्डित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी संवेदनशीलता, अनुशासन, गरिमा का परिचय देते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश में संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन देने के लिए कृतसंकल्पित है। लोगों को शिकायतों के निस्तारण के लिए राजधानी लखनऊ आना पड़ता है, यह स्थिति ठीक नहीं है। आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के तहत प्राप्त शिकायतों का मिलना यह दर्शाता है कि स्थानीय एवं विभागीय स्तर पर समस्याओं के समाधान में अपेक्षित कार्यवाही नहीं की जा रही है। यदि कार्यवाही हो भी रही है, तो उससे शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है। कार्यवाही का निस्तारण तभी माना जाए, जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो जाए।

उन्होंने कहा कि आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के तहत प्राप्त होने वाली शिकायतों व जनसमस्याओं के सम्बन्ध में प्रत्येक स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए। समस्या का निस्तारण संतुष्टिपरक एवं समयबद्ध ढंग से करें। उन्होंने कहा कि सभी स्तर के अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन प्राथमिकता के आधार पर करें। उन्होंने कहा कि जनता दर्शन में प्राप्त होने वाली 90 से 95 प्रतिशत शिकायतों व समस्याओं का सम्बन्ध थाना एवं तहसील से होता है। थाना दिवस, तहसील दिवस पर आने वाले फरियादियों की समस्याओं का निदान शीघ्रता से हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से सम्बन्धित शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण शीघ्रता से किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों पर मेरिट के आधार पर तैनाती की जाए। कानून व शांति व्यवस्था के सम्बन्ध में हर छोटी से छोटी घटना का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई हो। वरिष्ठ अधिकारी कार्यालयों, थानों व तहसीलों का आकस्मिक निरीक्षण करें। अधिकारीगण अपने दायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी, निष्ठा एवं प्रतिबद्धता के साथ जनता के हित में करें। अपराधियों से सांठ-गांठ रखने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाए।

योगी ने कहा खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए धान की खरीद 01 अक्टूबर से प्रारम्भ हो गयी है। धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध मंे मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी के स्तर पर समीक्षाएं की जाएं। आवश्यकतानुसार क्रय केन्द्रों की संख्या तथा मानव संसाधन बढ़ाए जाएं। यह सुनिश्चित हो की किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। क्रय केन्द्रों में साफ-सफाई, बैठने की उचित व्यवस्था हो। प्रत्येक केन्द्र के लिए नोडल अधिकारी तैनात किये जाए। उन्होंने कहा कि धान की पराली को जलाने की प्रक्रिया पर नियंत्रण हुआ है। पराली को निराश्रित गो आश्रय स्थलों में पहुंचाने से चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी और प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। उन्होंने गो आश्रय स्थलों में साफ-सफाई और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक गो आश्रय स्थल के लिए नोडल अधिकारी तैनात रहें, जिनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

बरसात के दौरान व उसके बाद वेक्टर तथा जल जनित बीमारियों को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों को सतर्क किया। कहा कि शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्थाएं हर हाल में सुनिश्चित की जाएं। एण्टी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग तथा सेनिटाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की पात्रता श्रेणी में आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उनके खातों में 30 नवम्बर, 2021 तक भेजनी सुनिश्चित की जाए। बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए पात्र बालिकाआंे को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पोषण माह अभियान के सम्बन्ध में भी समीक्षाएं सुनिश्चित हों।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशान्त कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं आपूर्ति श्रीमती वीना कुमारी मीणा, प्रमुख सचिव सहकारिता बाबू लाल मीणा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।