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ममता बनर्जी को मिली राहत, भवानीपुर उपचुनाव पर रोक लगाने से हाई कोर्ट ने किया इनकार

भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव (Bhawanipur By-Election) को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में दायर याचिका खारिज हो गई है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने उपचुनाव (By-Election) कराने की सहमति दे दी है. इससे भवानीपुर से चुनाव लड़ रहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राहत की सांस ली है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने चुनाव पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दी है. दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने मतदान की पूरी तैयारी कर ली है. 30 अक्तूबर को मतदान होंगे. मतदान के दौरान भवानीपुर में 15 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की जाएगी.

चुनाव आयोग के अनुसार तीन विधानसभा क्षेत्रों में कुल 52 कंपनी केंद्रीय दोनों की तैनाती हुई है. जिनमें से अकेले भवानीपुर में 15 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती होगी जबकि 18 कंपनियों को जंगीपुर में और 19 कंपनियों को शमशेरगंज में तैनात किया जाएगा. भवानीपुर में आठ वार्डों में कुल 287 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

संवैधानिक संकट बोलने पर हाईकोर्ट ने मांगा था जवाब

भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को होने जा रहे उपचुनाव को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक उच्च न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए इस मामले पर चुनाव आयोग का त्वरित हलफनामा समन किया था.  गौरतलब है कि बंगाल में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ है. ऐसे में तृणमूल ने उपचुनाव की मांग को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. मुख्य सचिव ने भी इस बाबत आयोग को पत्र लिखा था. उसके बाद आयोग ने मुर्शिदाबाद की दो विधानसभा सीटों जंगीपुर और शमशेरगंज में चुनाव और कोलकाता की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा की थी. उपचुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. सायन बनर्जी नामक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की थी.

भवानीपुर से चुनाव लड़ रही हैं ममता बनर्जी, जीतना है जरूरी

तृणमूल के उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं. इसके पहले अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह नंदीग्राम से हार गई थीं. बावजूद इसके मुख्यमंत्री बनी हैं, इसलिए उन्हें भवानीपुर से जीतना जरूरी है नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन जाएगी. बीजेपी ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि माकपा ने भी अधिवक्ता श्रीजीव विश्वास को मैदान में उतारा है. तीनों पार्टियों ने जमकर प्रचार किया है लेकिन मुख्य मुकाबला तृणमूल और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. ममता बनर्जी ने खुद भवानीपुर में जनसभाएं कर लोगों से वोट करने की अपील की है. उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा है कि इस बार अगर वह नहीं जीती तो लोग उन्हें फिर नहीं देख पाएंगे.

बीजेपी ने लगाई है पूरी ताकत

इधर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्मृति ईरानी और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा प्रचार कर चुके हैं. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, अर्जुन सिंह और शुभेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेताओं ने उनके पक्ष में घर-घर घूमकर वोट मांगा है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं में टकराव भी हुआ तथा भाजपा सांसद दिलीप घोष और अर्जुन सिंह पर कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमले की कोशिश भी की. उनके साथ बदसलूकी भी की गई है. अब प्रचार का शोर थम गया है और सभी पार्टियां मतदान के इंतजार में हैं. भारतीय जनता पार्टी ने भवानीपुर समेत राज्य की अन्य सीटों पर चुनाव के दौरान राज्य पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था से दूर रखने की मांग की है और केवल केंद्रीय बलों की तैनाती की गुजारिश की है.