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भगवान बुद्ध और महावीर एक ही मां की जुड़वा संतान : दलाई लामा

तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा (Tibetan spiritual leader Dalai Lama) ने कहा कि भगवान बुद्ध और भगवान महावीर (Lord Buddha and Lord Mahavira) दोनों एक ही मां की जुड़वा संतान हैं। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर जन्म लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, बुद्ध, महावीर, नानक व अनेक महापुरुषों ने विश्व को प्रेम व भाईचारे की राह की दिखाई है। धर्मगुरू ने यह बात बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर वीरवार को उनके निवास स्थल पर भेंट करने आए जैन धर्म के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आचार्य लोकेश के नेतृत्व में विभिन्न धर्मों के धर्माचार्यों से मुलाकात के दौरान कही।

दलाई लामा ने कहा कि भगवान बुद्ध की करुणा व भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन के बताएं मार्ग से ही विश्व में शांति, सद्भावना की स्थापना हो सकेगी।

बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा से मिले धर्माचार्यों ने उन्हें बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने शाल, माला व प्रतीक चिन्ह भेंट कर दलाई लामा का सम्मान किया।

अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक, जैन आचार्य डॉ लोकेश ने कहा कि विश्व में शांति और सद्भावना पूर्ण माहौल के लिए बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं की अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व में बढ़ते धार्मिक असहिष्णुता के माहौल में बुद्ध और महावीर के बताए मार्ग पर चलकर ही सामाजिक सौहार्द और समरसता को स्थापित किया जा सकता है।

उन्हाेंने कहा युद्ध, हिंसा और आतंक किसी समस्या का समाधान नहीं है, हिंसा, प्रतिहिंसा को जन्म देती है। शांतिपूर्ण संवाद के द्वारा हर समस्या को सुलझाया जा सकता है। उन्होंने जुलाई के पहले सप्ताह में अमेरिका के फ्लॉरिडा में आयोजित हो रहे ‘जैना कोंवेनशन’ की विस्तृत जानकारी दी।

आचार्य लोकेश ने अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय अंतरधार्मिक सम्मेलन के लिए दलाई लामा को आमंत्रित किया, जिसे उन्होने सहर्ष स्वीकार किया। इस अवसर पर सिख धर्म के जत्थेदार भाई रंजीत सिंह, हिन्दू धर्म के महामंडलेश्वर महंत नवल किशोर दास, हिमालय कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष एलपी पोंत्संग, रिलीजन वल्र्ड के संस्थापक भव्य श्रीवास्तव एवं समन्वयक विनीत शर्मा मौजूद रहे।

वहीं हिमालय कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष एलपी पोंत्संग ने बताया कि विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेश जून माह से अमेरिका की शांति-सद्भावना यात्रा को प्रारम्भ कर रहे हैं जहां वे शिकागो में आयोजित हो रही वल्र्ड रिलीजन पार्लियामेंट में “अप्प्रोचेस टू एस्टब्लिशिंग वर्ल्ड पीस” एवं “एन इंटरफेथ कॉल टू एक्शन ऑन क्लाइमेट चेंज” को संबोधित करेंगे। उन्होंने अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा गुरुग्राम में स्थापित हो रहे भारत के पहले “विश्व शांति केंद्र” की जानकारी भी दी।