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बैरक नंबर-15 होगा बाहुबली डॉन मुख्तार अंसारी का नया ठिकाना…नहीं मिलेगा VIP ट्रीटमेंट

मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा. उत्तर प्रदेश की बांदा जेल किसी काला पानी की सजा से कम नहीं. यह वो जेल है जहां बड़े-बड़े माफिया डॉन चंबल के डकैत सजा काट चुके हैं और उनके गैंग के तमाम खतरनाक अपराधी अभी जेल में बंद हैं. बांदा जेल में डकैत ददुआ, 7 लाख के इनामी बलखड़िया, गौरी यादव, संग्राम सिंह जैसे डकैतों की गैंग के कई सदस्य बंद हैं. चंबल और पाठा के जंगलों के तानाशाह रहे इन लोगों पर सैकड़ों आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बाहुबली डॉन और यूपी से पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को लाने के लिए यूपी पुलिस रोपड़ पहुंच चुकी है और इधर बांदा की जेल माफिया डॉन का इंतजार कर रही है. मुख्तार को अब उसी जेल वापस लाया जा रहा है, जहां से उसे पंजाब ले जाया गया था. बांदा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का वह इलाका है, जहां आम लोगों के लिए भी सुविधाओं की मुश्किल है. ऐसे में बांदा जेल और जेल में बंद जरूरत से दो गुना ज्यादा कैदी, जरा सोचिए जेल का मंजर क्या होगा. मुख्तार को बांदा जेल लाने से पहले आईजी, डीएम आनंद कुमार सिंह और एसपी डॉ. एसएस मीणा ने पुलिस फोर्स के साथ जेल परिसर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. जेल के अंदर और बाहर कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं. जेल बाउंड्रीवॉल पर हर 10 से 15 फिट की दूरी पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गयी है.

जेल प्रशासन सूत्रों की मानें तो जब 2017 में मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाया गया था, तब भी उसे 15 नंबर बैरक में रखा गया था. जानकारों का मानना है बांदा जेल की ये सबसे सुरक्षित बैरक है. इस बार भी बैरक नंबर 15 में मुख्तार अंसारी को रखा जाएगा. सूत्र बताते हैं एक समय जेल में मुख्तार अंसारी के लिए जनरेटर जैसी सुविधाएं होती थीं, लेकिन इस बार योगी सरकार की सख्ती के चलते जेल में मुख्तार का यह टशन नहीं चल सकेगा. बांदा की जेल यूं ही बांदा की जेल नहीं कहलाती. इस जेल में कुंडा के विधायक राजा भैया, इलाहाबाद के बाहुबली अतीक अहमद, शीलू हत्याकांड का आरोपी विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी, नोएडा का कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना भी इसी जेल में रह चुका है. जेल की क्षमता 600 है, जबकि इस समय जेल में 1200 से ज़्यादा कैदी बंद हैं.