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बाल-बाल बचा श्रद्धा मर्डर का मुख्‍य आरोपी अफताब, पुलिस वैन पर तलवार और हथौड़े से हुआ हमला

देश की राजधानी दिल्ली में श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस के मुख्य आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) की पुलिस वैन पर 4-5 हथियार बंद लोगों ने हमला कर दिया. तलवार जैसे हथियार (Weapon) लेकर आए हमलावरों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब पुलिस अभिरक्षा में आफताब को एफएसएल कार्यालय से जेल ले जाया जा रहा था. हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में तलवार के बल पर आरोपी को वैन से बाहर निकालने की कोशिश भी की. हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आइए जानते हैं कि तलवार जैसे हथियार लहराने या उससे हमला करने पर क्या कहता है कानून.

श्रद्धा मर्डर (shraddha murder) का आरोपी आफताब सोमवार की देर शाम बाल-बाल बच गया. पुलिस वैन में जब उसे एफएसएल कार्यालय से बाहर ले जाया जा रहा था, तभी उसकी वैन पर कुछ लोगों ने तलवारों के साथ हमला कर दिया. ये हमला मीडिया और पुलिस (media and police) की मौजूदगी में किया गया. तलवार लेकर हमला करने वाले अब पुलिस की गिरफ्त में हैं. उनके खिलाफ आईपीसी और आर्म्स एक्ट (IPC and Arms Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में आर्म्स एक्ट क्या कहता है, आपको बताते हैं.

क्या कहता है आर्म्स एक्ट?
भारतीय कानून में जैसे बंदूकें प्रतिबंधित हैं और उसे रखने या ले जाने की अनुमति केवल जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए लाइसेंस के जरिए मिलती है. ठीक उसी तरह से शस्त्र अधिनियम (Arms Act) में 9 इंच से अधिक लंबी तलवार और ब्लेड (जिनका इस्तेमाल रसोई में नहीं होता है) को रखने के लिए भी लाइसेंस की आवश्यकता होती है. बिना लाइसेंस के कोई भी हथियार रखने या ले जाने पर ऐसा करने वाले को जेल और जुर्माने के रूप में सजा हो सकती है.

जो व्यक्ति आग्नेयास्त्र या अन्य हथियार रखने या ले जाने के लिए लाइसेंस का आवेदन कर रहा है, उसे एक फॉर्म भरना होता है. जिसमें यह शर्त शामिल है कि लाइसेंस धारक ऐसे किसी भी हथियार को किसी भी शैक्षणिक संस्थान के परिसर, धार्मिक जुलूस या अन्य सार्वजनिक स्थान, सभा में या किसी परिसर में भीतर नहीं ले जाएगा. खेल, सुरक्षा, प्रदर्शन के लिए हथियार या गोला-बारूद का अधिग्रहण, कब्जा और उसे ले जाने की शर्त भी शस्त्र लाइसेंस में जोड़ दी जाती है. उसी के अनुसार उसका इस्तेमाल होता है.

आग्नेयास्त्रों के लिए लाइसेंस की शर्त भी साफ तौर पर कहती है कि आग्नेयास्त्रों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तब तक नहीं ले जाया जा सकता जब तक कि वे एक होल्स्टर/रक्सकैक में या पूरी तरह से ढके हुए ना हों. कानून के तहत किसी भी व्यक्ति पर बंदूक तानना भी प्रतिबंधित होता है, भले ही वह लोड न हो. इसी तरह, लाइसेंस हासिल करने की शर्त ये भी है कि तलवार या किसी भी प्रकार के तेज धार वाले हथियारों सहित किसी भी अन्य हथियार को साथ रखना, लाना ले जाना या उसकी ब्रांडिंग करना भी प्रतिबंधित है.

लाइसेंस की इन शर्तों का उल्लंघन करने पर आर्म्स एक्ट के नियम 32 के तहत धारक को दिया गया लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसके अलावा, लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने वाले या बिना लाइसेंस के हथियार रखने वालों पर अवैध रूप से हथियार रखने के लिए आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें 1 से 3 साल की कैद हो सकती है.अगर किसी भी व्यक्ति को वास्तव में आग्नेयास्त्र, हथियार या गोला-बारूद का उपयोग करते हुए पाया गया, जो कि वीडियो में देखा जा सकता है. तो उसे शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत सजा हो सकती है. जिसमें कम से कम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष कारावास की सजा का प्रावधान है.

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 में घातक हथियारों का उपयोग करके दंगा करने के अपराध के लिए सजा का प्रावधान है, जिसमें अधिकतम 3 साल की कैद और आर्थिक जुर्माना हो सकता है.