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बस कंडक्टर की बेटी ने टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई, पैदल चाल में मिला है गोल्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ‘मन की बात’ में मेरठ की बेटी प्रियंका गोस्वामी का जिक्र किया. ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों का जिक्र किया. रांची में फरवरी महीने में राष्ट्रीय एथलेटिक चैम्पियनशिप हुई थी. इसी में प्रियंका गोस्वामी ने ओलंपिक का टिकट कटा लिया था. उन्होंने पैदल चाल प्रतियोगिता में 20 किलोमीटर की वॉक 1 घंटा 28 मिनट 45 सेकेंड में पूरी कर न केवल रिकॉर्ड बनाया, बल्कि गोल्ड मेडल भी जीता.


प्रियंका को बीते दिनों रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड भी दिया गया था. प्रियंका गोस्वामी को ये पुरस्कार राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी उपलब्धियों को देखते हुए दिया गया था. प्रियंका की इस उपलब्धि पर परिवार वालों में काफी खुशी है. प्रियंका गोस्वामी की इस उपलब्धि के साथ मेरठ से स्पोर्ट्स की दुनिया में एक और नाम जुड़ गया है.

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अब प्रियंका का मिशन ओलंपिक में भारत का तिरंगा शान से लहराना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीती 27 तारीख को मन की बात में खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया था और मेरठ की प्रियंका गोस्वामी का लिया नाम लिया था. मेरठ की महिला एथलीट प्रियंका गोस्वामी ने मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम से अपना सफर शुरू किया और आज वो इस मुकाम पर पहुच गई हैं. प्रियंका के पिता की हालत अच्छी नही थी. वो एक बस कंडक्टर थे और किसी कारण उनकी वो नौकरी भी चली गयी, बेहद संघर्ष और जद्दोजहद के बाद आज प्रियंका इस मुकाम पर पहुंची हैं.

प्रियंका के पिता मदनपाल गोस्वामी उन दिनों को याद करने लगे जब वो रोडवेज की बस में कंडक्टर थे. और आज उन्हीं की बेटी ओलम्पिक का टिकट पा चुकी है. 23 जुलाई से जापान के टोक्यो में ओलंपिक गेम्स शुरू होंगे. जिसमें प्रियंका वॉकिंग रेसर के तौर पर प्रतिभाग करेंगी. मेरठ को यूं तो स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर दुनिया जानती है. मेरठ की प्रियंका गोस्वामी, अन्नू रानी, सीमा पुनिया, सौरव चौधरी और वंदना कटारिया टोक्यो ओलम्पिक में भारत का तिरंगा शान से लहराने को बेताब हैं.

वहीं प्रियंका के कोच गौरव त्यागी का कहना है कि मन में लगन और कुछ कर दिखाने का जज्बा प्रियंका को आज इस मुकाम तक ले आया है. अब तक प्रियंका ने कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम कर लिए हैं. प्रियंका ने सबसे पहले वर्ष 2015 में रेस वॉकिंग में आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. मैंगलोर में फेडरेशन कप में भी तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पर कब्जा जमाया. वर्ष 2017 में दिल्ली में हुई नेशनल रेस वॉकिंग चैम्पियनशिप में इस एथलीट ने गोल्ड मेडल जीता. 2018 में खेल कोटे से रेलवे में प्रियंका को क्लर्क की नौकरी मिल गई.