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पीओके में लश्कर और जैश के ट्रेनिंग कैंपों में बढ़ी आतंकियों की संख्या

 पाकिस्तान हाल ही में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आ गया है। इसके बाद एक बार फिर सीमा पार से आतंकी गतिविधियां बढ़ने की संभावना जताई जा रही हैं। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में मौजूद आतंकी ट्रेनिंग कैंपों और लांच पैड में फिर से हलचल बढ़ गई है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी भारत में बड़ी घुसपैठ की फिराक में लगे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार बॉर्डर पार आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप 50 प्रतिशत ज्यादा बढ़ गए हैं। इनमें आतंकियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखी गयी है। यही नहीं भारी बर्फबारी से पहले 200 से ज्यादा आतंकी भारत में घुसपैठ की फिराक में है। जानकारी के मुताबिक घुसपैठ के लिए आतंकी कैंप और लांच पैड को बॉर्डर के एकदम नजदीक की कई जगहों पर शिफ्ट किया गया है। इसमें सीमा के उस पार सटे कुछ घरों को भी आतंकियों ने अपना अड्डा बनाया है। इसके अलावा घुसपैठ के इरादे से कई नए रुट भी आतंकियों की तरफ से खोजे जा रहे हैं।
सूत्रों ने ये भी बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद, कोटली, मनशेरा, बिंबर आदि जगहों पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप फिर से पूरी क्षमता के साथ काम करने लगे हैं। पीओके में 20 से ज्यादा लांच पैड ऐसे हैं, जहां आतंकियों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई दोनों आतंकियों को मदद मुहैया करवा रहे हैं।
खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने ये भी बताया कि पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई पीओके के जरिए भारत में आतंकियों की घुसपैठ करने के साजिश रच रही है। लांच पैड पर आईएसआई और पाक सेना की मदद से बड़ी संख्या में आतंकी लाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों के अंदर जम्मू-कश्मीर के माछिल, केरन और गुरेज सेक्टर में सीमा पार मौजूद लांच पैड में 100 से ज्यादा की संख्या में आतंकी पहुंचे हैं। इन्हें पाकिस्तान अलग अलग रास्तों से भारत में दाखिल कराना चाहता है।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर आने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा बलों ने सतर्कता और अधिक बढ़ा दी है। सीमा पर घने कोहरे और बर्फबारी की आड़ में घुसपैठ की कोशिशें तेज होने की आशंका में सुरक्षा बलों को पूरी मुस्तैदी के साथ गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारी बर्फबारी के बाद घुसपैठ के रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में आतंकी संगठनों की ओर से नए रास्तों की तलाश भी की जा रही है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर में आतंकी घुसपैठ में बेहद कमी आई थी। आतंकियों की फंडिंग पर भी शिकंजा कसा गया था। मगर अब बदले हालात के बाद पाकिस्तान फिर से अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की कोशिश में लग गया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पिछले 1 हफ्ते में आतंकियों की तरफ से तेज हुई हलचल को देखते हुए माना जा रहा है कि घुसपैठ, टेरर फंडिंग और नार्को टेरेरिज्म जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में बताया था कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, आतंकवादी गतिविधियों में 34 प्रतिशत की कमी और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 54 प्रतिशत की कमी हुई है। मगर अब पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद मिल रही रिपोटरें ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।