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पाकिस्तान और चीन में छाया मातम, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होगा सबसे बड़ा ‘लड़ाका’

आज का दिन बेहद खास है। आज का दिन भारत के रक्षा क्षेत्र खासकर भारतीय वायुसेना के लिए खासा अहम है। आज भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में क्रांतिकारी इजाफा होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल विमान शामिल होने जा रहेे हैं। इस खास मौके पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश के रक्षा मंत्री सहित फ्रांस के उनके समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शामिल होने जा रहे हैं।  आज का दिन भारत के इतिहास में ऐतिहासिक दिन माना जा रहा है।

..तो चलिए इस खास अवसर पर हम आपको राफेल से जुड़ी कुछ मुख्य बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। राफेल की यही विशेषताएं इसे उन्नत हथियारों की फेहरिस्त में शामिल कर रही हैं। बता दें कि राफेल को भारतीय वायुसेना के बेड़े में ऐसे वक्त में शामिल किया जा रहा है, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ड्रैगन को अपने नाकाम मंसूबों को धरातल पर उतारने की दिशा में अनवरत सीमा पर घुसपैठ कर रहा है, मगर इस बीच भारतीय  सेना अपने शोर्य का परिचय देते हुए चीनी सैनिको के हर नापाक मंसूबों को वक्त से पहले नाकाम कर दे रही है।

…तो चलिए अब ज्यादा समय जाया न करते हुए इसकी मुख्य बातों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

आज का दिन इतिहास में हमारे लिए मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान राफेल का ओपचारिक रूप से अनावरण किया जाएगा। इस दौरान सर्व धर्म पूजा अर्चना भी की जाएगी। तेजस सहित राफेल अपना करतब दिखाएंगे।यहां पर हम आपको बताते चले कि राफेल का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी। बता दें कि 26 जुलाई को राफेल की पहली खेप भारत में आई थी। भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है।