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नहीं रास आया मांझी को महागठबंधन, पूर्व मुख्यमंत्री के इस कदम से खुश हुए सुशासन बाबू

भले ही बिहार में अभी चुनाव की तारीख मुकर्रर न हुई हो, लेकिन सूबे में सियासी रार का सिलसिला शुरू हो चुका है। बड़े-बड़े बयानों के बीच अब बड़े-बड़े फैसले भी सूबे में होते हुए नजर आ रहे हैं। उधर, अब खबर है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हो चुके हैं। बता दें कि बिहार में करीब आते विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए यह अब तक की सबसे बड़ी खबर मानी जा रही है। पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हम ने आरजेडी में रहकर बहुत अपमान सहा है, लेकिन अब नहीं.. माना जा रहा है कि उपेक्षित रवैये की वजह से ही ‘हम’ ने चुनाव से पहले यह कदम उठाया है।

जे़डीयू मेंं नहीं होगा विलय 
उधर, हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने उन तमाम कयासों को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि हम और जेडीयू का विलय नहीं होगा। प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी ने आरजेडी में बहुत अपमान सहा है, लेकिन अब आरजेडी की दादागिरी कतई न चलेगी। उधर, मांझी के अगले कदम के बारे में रिजवान ने कहा कि अभी वो एनडीए में जाएंगे या नहीं इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।

जेडीयू कोटे से मिल सकती है सीटें 
बताया जा रहा है कि ‘हम’  जेडीय के साथ मिल सकती है। नीतीश कुमार मांझी को अब सम्मान देंगे। सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में हम को जेडीयू की तरफ 8 से 10 सीटें मिल सकती है। माना जा रहा है कि इस संदर्भ में मांझी और नीतीश कुमार के बीच बातचीत भी हो चुकी है। बहरहाल, अब बिहार में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।