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देश का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाएगी रिलायंस, जानिए क्या है प्लान?

देश के दूसरे सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) तमिलनाडु में तिरुवल्लूर जिले के माप्पेडु में देश में पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) बनाएगी. इस अत्याधुनिक फ्रेट हैंडलिंग फैसिलिटी में कई तरह के ट्रांसपोर्ट के एक्सेस होंगे और इसे तीन चरणों में विकसित किया जाएगा. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (Public Private Partnership) यानी पीपीपी मोड में बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में करीब 1424 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें करीब 783 करोड़ रुपये का निवेश रिलायंस करेगी.

रोड्स, ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री का कहना है कि इसके पहले चरण का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, इसके साथ ही इसका कमर्शियल ऑपरेशन भी शुरू हो जाएगा. 184.25 एकड़ में बन रहे इस पार्क को 45 साल के कंसेशन पीरियड के लिए दिया जाएगा. यह 71.7 लाख मीट्रिक टन कार्गो हैंडल कर सकता है.ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पूरे देश में इस तरह के 35 पार्क बनाने की योजना है. इससे विभिन्न इकनॉमिक जोंस को मल्टीमोडल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. इनमें से अगले तीन वर्षों में 15 एमएमएलपी को प्राथमिकता दी जाएगी.

जानिए कब दिया जाएगा ठेका?
नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट (NHLML) के चीफ एग्जीक्यूटिव प्रकाश गौड़ ने बताया कि अगला नंबर बैंगलूरु एमएमएलपी का है. इसके लिए दिसबंर तक बोली लगाई जानी है. इसका ठेका दिसंबर में ही दे दिया जाएगा. नागपुर एमएमएलपी के लिए दिसंबर में बोली मंगाई जाएगी और इसका ठेका जनवरी 2023 में दिया जाएगा. इंदौर एमएमएलपी के लिए जनवरी में बोली मंगाई जाएगी और मार्च में ठेका दे दिया जाएगा. एनएचएलएचएल एक स्पेशल पर्पज वीकल (SPV) है जिसे नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने लॉजिस्टिक्स पार्क्स विकसित करने के लिए बनाया है.

विदेशी कंपनियों ने भी दिखाई दिलचस्पी
बता दें कि मल्टीमोडल हब्स से देश में पीपीपी मोड पर बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें साथ आई हैं. चेन्नई एमएमएलपी के लिए एनएचएलएमएल, रेल विकास निगम, चेन्नई पोर्ट अथॉरिटी और तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने एक एसपीवी बनाया है. इसके लिए 5.4 किमी लंबा चार लेन का एक नेशनल हाइवे बनाया जाएगा. इसकी लागत 104 करोड़ रुपये आएगी, साथ ही 10.5 किमी लंबी एक नई रेल साइडिंग बनेगी. इस पर 217 करोड़ रुपये का खर्चा आने की उम्मीद है. विदेशी कंपनियों ने भी आने वाले प्रोजेक्ट्स में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.