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देवबंद में आर्ट आफ लिविंग की ओर से चल रही कार्यशाला का हुआ समापन, भजन संध्या में शिक्षक अकक्षत जोशी ने भजन गाकर उपस्थित सभी लोगों को झूमने-नाचने पर मजबूर कर दिया

रिर्पोट :- गौरव सिंघल, विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
 
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज)। देवबंद में आर्ट आफ लिविंग परिवार की ओर से बीते छह दिनों से चल रही कार्यशाला का भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित कर बीती रात समापन हो गया। देवबंद के रेलवे रोड पर स्थित दल्लो की धर्मशाला में आयोजित कार्यशाला के समापन पर आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाने में आर्ट आफ लिविंग परिवार देवबंद के सदस्य दिनभर लगे रहे और सभी लोग भजन संध्या कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी तरह से कामयाब भी रहे। भजन संध्या में उपस्थित ज्यादातर लोगों का कहना था कि उन्होंने इससे पहले कभी भी ऐसा अलग तरह का कार्यक्रम देवबंद में होते हुए नहीं देखा है।
आर्ट आफ लिविंग देवबंद परिवार के निमंत्रण पर इस बार सुमेरु संध्या गायक, बैंगलोर आश्रम के वरिष्ठ शिक्षक अकक्षत जोशी जी पिछले छह दिनों तक देवबंद में रहकर कार्यशाला को संचालित किया। वैसे तो पिछले छह दिन कार्यशाला प्रात: साढे पांच बजे से प्रात: साढे आठ बजे तक आयोजित की गई। लेकिन कार्यशाला के अंतिम छठे दिन शाम को साढे छह बजे से नौ बजे तक एक भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें सभी समाज के लोगो को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम को लेकर आर्ट आफ लिविंग परिवार के सदस्यों में एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा था। वरिष्ठ शिक्षक अकक्षत जोशी जी,जिन्हें 18 साल का आर्ट ऑफ लिविंग का अनुभव है। उन्होंने कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम की शुरूआत में ही शिक्षक अकक्षत जोशी जी ने बडे बुजुर्गों से लेकर युवाओं को भी बच्चा बना दिया और सभी को झूमने-नाचने को मजबूर कर दिया।
एक-एक गुब्बारा सभी को देना, फिर उन्हें उडाने के लिए बोलना और किसी को भी किसी का गुब्बारा नीचे गिरने न देना और बाद में गुब्बारों को फोडना और अपने गुब्बारे को फोडने से बचा लेना दरअसल गुब्बारे उडाने और किसी के भी गुब्बारे को नीचे न गिरने देना और फिर फोड देने का शिक्षक अकक्षत जोशी जी का उद्देश्य लोगों को कुछ अलग ही समझाना था,जो वहां उपस्थित सभी लोग समझ भी गए। शिक्षक अकक्षत जोशी जी सभी के साथ मित्रवत दिखाई दिए। इस कार्यक्रम से उपस्थित सभी लोगों को एक नई ऊर्जा मिली। दरअसल दो-ढाई घंटे के इस कार्यक्रम के दौरान लोग अपनी-अपनी सभी समस्याओं को भूल गए और खुशी में झूमते रहे। आर्ट आफ लिविंग परिवार से जुडे सदस्य,जिन्होंने छह दिन कार्यशाला में हिस्सा लिया उन्होंने छह दिन के अपने-अपने अनुभव मंच पर साझा किए।
कई लोगों का कहना था कि वह पहली बार मंच पर आकर कुछ बोल रहे है। जो इस छह दिन की कार्यशाला में भाग लेने के कारण हो पा रहा है। कार्यक्रम में भजन संध्या का आयोजन हुआ। शिक्षक अकक्षत जोशी ने भजन गाकर उपस्थित सभी लोगो को झूमने-नाचने पर मजबूर कर दिया। सभी लोग आखिर तक कार्यक्रम में मौजूद रहे। भजन संध्या में प्रमुख रूप से अमनदीप कौर, वैभव जैन, शशांक जैन, अर्थव जैन, सौरभ बंसल, सतीश गिरधर, राजेश सिंघल, डा.कांता सिंह, सार्थक जैन, अनुज सिंघल, पीयूष सिंघल, दीपक कुमार, गौरव नागेश्वर, अंकित अग्रवाल, अभिनव वर्मा, रानी गंभीर, अंजू, नेहा जैन, ऋषभ जैन, आलोक, अनुज, शिक्षक मोहित आनंद, वरिष्ठ पत्रकार गौरव सिंघल, अमित तायल, विशाल गर्ग, राकेश अग्रवाल, विवेक तायल, जितेंद्र गोयल, पंकज गोयल आदि मौजूद रहे।