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दुखदः एक साथ जली ‘राम-सीता’ और बेटी समेत 5 चिताएं, ‘लक्ष्मण’ को कुछ भी नहीं पता

‘राम’ और ‘सीता’ की चिता एक साथ जली. उधर, ‘लक्ष्मण’ को उनकी मौत की भी खबर नहीं हैं. ‘लक्ष्मण’ अस्पताल में उपचाराधीन है और उसे नहीं पता कि उसके भईया-भाभी ‘राम-सीता’ और उनकी बेटी तृषा अब इस दुनिया में नहीं हैं. मामला हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला (Dharamshala Truck Accident) से जुड़ा है. यहां पर एक ट्रक हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में मां-बाप और बेटी की जान गई है. सोमवार को श्मशानघाट में इन सभी 5 मृतकों की चिताएं एक साथ जलीं. घटना के बाद से मृतकों के गांव में कोहराम मचा हुआ है.

दरअसल, घटना में सुनील (राम), उनकी पत्नी सीता और बेटी तृषा की मौत हो गई. हादसे में उनके भाई अनिलकांत(लक्ष्मण) घायल हैं. उनके सिर पर चोट लगी है और टांडा मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. उन्हें अपनी भाई, भाभी औऱ उनकी बेटी की मौत की खबर नहीं दी गई है. हादसे में कुल पांच लोग घायल हुए थे, जिनमें चार बच्चे हैं. सोमवार को चामुंडा शिव धाम में पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं.

जुड़वां थे दोनों भाई, छोटा भाई अस्पताल में भर्ती

जानकारी के अनुसार, सुनील और अनिलकांत दोनों जुड़वा भाई थे. बलदेव सिंह के घर में दोनों का जन्म हुआ था. क्योंकि दोनों का जन्म एकसाथ हुआ था तो उन्हें गांव वाले राम-लक्ष्मण के नाम से बुलाते थे. अनिल कांत (लक्ष्मण) टांडा मेडिकल कालेज में सिर में लगी गहरी चोट के कारण सर्जरी वार्ड में उपचाराधीन है. उनकी सात साल की बेटी भी आईसीयू में एडमिट है. उसकी हालत गंभीर है. उधर, सात साल की बच्ची पारूल के पिता अस्पताल में भर्ती हैं. अनिल कांत के सिर में चोट लगी है और वह सच्चाई से अनजान हैं कि भाई राम, भाभी सीता और बेटी त्रिषा का अंतिम संस्कार भी हो चुका है.

कृषि मंत्री ने घर जाकर प्रकट की संवेदनाएं

उथड़ाग्रां पंचायत के रसेहड़ गांव में सड़क दुर्घटना में जान गवाने वालों के अंतिम संस्कार में सम्मिलित हो कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने उनकी आत्मा की शांति की कामना की. उन्होंने श्री चामुंडा नन्दीकेश्वर धाम में जाकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर घर में जाकर परिवार के लोगों से संवेदनाएँ प्रकट की. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 25 हज़ार प्रति व्यक्ति और गंभीर रूप से घायलों के लिए 10 हज़ार रुपये की फ़ौरी राहत उपलब्ध करवाई गई है. इसके अतिरिक्त परिवारों की सहायता के लिए जो भी संभव होगा, सरकार वो करेगी.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के धर्मशाला के योल में रविवार शाम को उथड़ाग्रां में एक कैंटर गहरी खाई में गिर गया था. यहां पर एक ही गांव के पांच लोगों की मौत के बाद उथड़ाग्रां अब उझड़ाग्रां बन है. कैंटर में सवार सभी तिरंगा नामक जगह से खेतों से गेहूं की कटाई कर फसल घर ला रहे थे. इसी दौरान यह हादसा हो गया. सोमवार को नंदीकेश्वर धाम चामुंडा में सभी का अंतिम संस्कार किया गया.