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जरूरत पड़ी तो हम भारत को अतिरिक्त राफेल देने को तैयार, कोरोना काल में हमने तय समय में की सप्लाई- फ्रेंच रक्षा मंत्री

फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने आज शुक्रवार को कहा कि उनका देश भारत को आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त राफेल युद्धक विमान देने को तैयार है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि एक ही तरह का विमान रणनीतिक साझेदारों द्वारा उपयोग करना उनके संबंधों की “वास्तविक परिसंपत्ति और मजबूती” को दिखाता है.

भारत की यात्रा पर आईं पार्ले ने यह टिप्पणी अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह  (Rajnath Singh)से विस्तृत मुद्दों पर होने वाली वार्ता से पहले थिंकटैंक में की. इससे पहले फ्रांसीसी दूतावास ने कल गुरुवार को जानकारी दी थी कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत को निर्धारित समय पर 33 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है. भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए अंतर सरकारी स्तर पर समझौता किया था.

कोरोना के बावजूद तय समय पर की सप्लाईः पार्ले 

पार्ले ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं खुश हूं कि भारतीय वायुसेना राफेल विमानों से संतुष्ट है और हमें गर्व है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद हमने करार के तहत समय पर 36 विमानों की आपूर्ति की. यह उपलब्धि है.’ उन्होंने कहा, ‘एक ही तरह के विमान का उपयोग करना वास्तविक परिसंपत्ति और ताकत है. मैं निश्चिंत हूं कि नई संभावनाओं की गुंजाइश है. यदि भारत की अतिरिक्त आवश्यकता व्यक्त की गई तो हम उसका जवाब देने को तैयार हैं.’

36 और राफेल खरीदने की योजना

फ्रांसीसी रक्षामंत्री ने भारतीय नौसेना के बेड़े में दूसरे विमानवाहक पोत के शामिल करने की योजना को रेखांकित करते हुए संकेत दिया कि फ्रांस की पोत आधारित लड़ाकू जेट की आपूर्ति करने में रुचि है. उन्होंने कहा, ‘हम जानते है कि विमानवाहक पोत जल्द सेवा में होगा. उसके लिए विमानों की जरूरत होगी. अगर भारत फैसला करता है तो हम कोई और राफेल (संस्करण) देने को तैयार हैं.’

गौरतलब है कि भारत के स्वदेश में निर्मित पहले विमान वाहक पोत विक्रांत को अगले साल अगस्त में भारतीय नौसना में शामिल करने की योजना है.

फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल विमानों की पहली खेप की आपूर्ति भारत को पिछले साल 29 जुलाई को की गई थी. माना जा रहा है कि फ्रांस भारत के साथ 36 और राफेल विमानों की खरीददारी के लिए वार्ता की इच्छा जता रहा है. हालांकि राफेल सौदा देश में काफी विवादों में रहा था.