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चीन को सबक सिखाने के लिए भारत का ये तगड़ा प्लान, खौफ में आया ड्रैगन, नहीं माना तो अब खैर नहीं

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनावपूर्ण माहौल बरकरार है, जिसको मद्देनजर रखते हुए लगातार दोनों ही अपने मोर्चे को सबल बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इस बीच भारत बिना किसी हिंसा के वार्ता के जरिए इस तनाव को खत्म कर लेना चाहता है, मगर इसे लेकर लगातार ड्रैगन का दोहरा रूख सामने आ रहा है। एक तरफ जहां वो वार्ता की पेशकश तो कर रहा है, लेकिन दूसरी तरफ सीमा पर उसका रूख लगातार हिंसात्मक होता दिख रहा है, जिसको मद्देनजर रखते हुए भारत अब अपने हर उस प्लान का खाका बनाने की तैयारी मेें जुट चुका है, जिससे की उसे सबक सिखाया जा सके। इस बीच अब भारत चीन को माकूल जवाब देने के लिए मिसाइल टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

शौर्य मिसाइल का परीक्षण  
भारत लगातार अपने द्वारा बनाए गए मिसाइल की टेस्टिंग व परीक्षण कर रहा है। इसी स्थिति को मद्देनजर रखते हुए गत 3 अक्टूबर  को भारतीय रक्षा अनुसंधान परिषद ने शौर्य मिसाइल का परीक्षण किया था। शौर्य से सतह से सतह पर मार गिराने वाली मिसाइल है। इसकी क्षमता 1 हजार किलोमीटर है। बता दें कि सीमा पर लगातार इस तनाव की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए लगातार भारत अपनी मिसाइल क्षमता की टेस्टिंग करता जा रहा है, ताकि इसे अधिक से अधिक बनाकर  दुश्मन देशों को माकूल जवाब दिया जा सके।

मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो का परीक्षण 
इसी कड़ी मेें भारत ने पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ावा देने के  लिए गत 5 अक्टूबर ओडिशा तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसॉनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो या एसएमएआरटी का परीक्षण किया गया था।  बता दें कि टॉरपीडो रेंज से परे पनडब्बू रोधी युद्ध संचालन के लिए  SMART एक हल्का एंटी-सबमरीन मिसाइल है। यह परीक्षण के दौरान मानकों पर बिल्कुल खरी उतरी है। यह मिसाइल बिल्कुल उन्नत है, और दुश्मन देशों को माकूल जवाब देने का माद्दा ऱखती है।

 SMART एक हल्का एंटी-सबमरीन 
वहीं, इससे पहले भारत ने अपने मारक क्षमता को परीक्षित करने हेतु गत 30 सितंबर को ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल मिसाइल के अपग्रडेड वर्जन का परीक्षण  किया गया था,  जो इसका लेटेस्ट वर्जन है। परीक्षण में पाया गया है कि इसका मारक क्षमता अब 400 किलोमीटर के रेंज तक जा पहुंची है।

अब होगी रूद्रम की टेस्टिंग 
बता दें कि अब रूद्रम की टेस्टिंग होने जा रही है। मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए इस रूद्रम को 30 मिसाइल में रखा जाएगा। सुखोई-30 लड़ाकू विमान से शुक्रवार को पूर्वी तट से दूर एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परीक्षण किया जाएगा।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक 
इसके साथ ही इस संदर्भ में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कहते हैं कि यह लड़ाकू फॉर्सेज हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह मिसाइलें दुश्मनों के नापाक इरादों को पल भर में ही नेस्तानाबूत कर सकती है। बता दें कि इन मिसाइलों की टेस्टिंग ऐसे समय में किया जा रहा है, जब  भारत व चीन के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।