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गांवों को सुरक्षित रखे बिना सीमाओं की सुरक्षा नहीं की जा सकती : अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमाओं की सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि गांवों को सुरक्षित रखे बिना सीमाओं की सुरक्षा नहीं की जा सकती। शाह ने मंगलवार को यहां ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ पर दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही । कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा, निशिथ प्रामाणिक, केंद्रीय गृह सचिव, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के महानिदेशक , वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती जिलों के जिला कलेक्टर , जिला विकास अधिकारी तथा गृह मंत्रालय और कई अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि चिन्हित गाँवों में गतिविधियाँ बढ़ाना, पलायन रोकना, नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने जैसे काम किए जाने चाहिए और सुनिश्चत किया जाना चाहिए कि देश की मुख्य भूमि से ज्यादा से ज्यादा नागरिक,विशेषकर युवा इन गांवों में पर्यटन के लिए आएं और देश की सीमाओं की परिस्थिति से अवगत हो,यह जुड़ाव बहुत महत्वपूर्ण है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम केवल पर्यटन और रोजगार तक सीमित नहीं है बल्कि देश के नागरिकों का देश की सीमाओं के साथ भावनात्मक और एकात्मक जुड़ाव की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है जो देश की सुरक्षा और एकता के लिए बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा , “ प्रधानमंत्री जी ने एक बड़े विजन के तहत साल 2014 में पहले सीमाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की शुरुआत की, फिर ढेर सारी कल्याणकारी योजनाएँ बनाईं और अब वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम लेकर आए हैं जिससे गाँव से होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा। ” श्री शाह ने कहा कि सीमावर्ती गांव देश के आखिरी गांव नहीं बल्कि पहले गांव हैं।

उन्होंने कहा ,“ प्रधानमंत्री जी के इस वाक्य को हमें आत्मसात कर वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम को सफल बनाना है।” उन्होंने कहा कि वायब्रेंट विलेजेज के विकास से देश की सीमा सुरक्षा चक्र में एक अतिरिक्त परत जुड़ जाएगी। सरकार ने बजट में घोषणा कर इस कार्यक्रम की योजना बनायी और प्रधानमंत्री ने कैबिनेट में भावना व्यक्त की कि सभी मंत्रियों को एक सीमान्त गांव में कम से कम 48 घंटे रुकना चाहिए। इसी भावना के चलते अब तक 17 कैबिनेट मंत्री इन गाँवों में गये और बहुत अच्छी रिपोर्ट्स भी भेजीं।

गृह मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती गांव को देश के किसी भी अन्य गांव के समान सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, इस कल्पना के साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत की। इस कार्यक्रम की अवधारणा के पीछे दो मुख्य पहलू हैं- सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोकने के लिए उन्हें विकसित करके सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ना, और देश के संविधान के अनुसार, प्रत्येक गांव का देश के संसाधनों पर समान अधिकार है। दूसरा भौगोलिक विषमता और संपर्क न होने के कारण आजादी के 75 सालों में कहीं ना कहीं इन सीमांत गाँवों के नागरिक विकास से पिछड़ गए हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र का सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी विकास करना है तो इसके छोटे से छोटे गाँव में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को प्राथमिक सुविधाओं, रोजगार, स्वास्थ्य और आने वाली पीढ़ी के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा , “ वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम सही मायने में वीवीआईपी यानी वेरी वेरी इंर्पोटेंट कार्यक्रम है। ”