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कोरोना काल के संकट से निजात पाने के लिए मोदी ने इन चेहरों पर लगाया दांव

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला और बड़ा कैबिनेट विस्तार हो गया है। इस बदलाव में जहां 12 मंत्रियों के इस्तीफे हो गये वहीं 43 ने शपथ भी लिया। प्रधानमंत्री मोदी की इस नई कैबिनेट में कई नये चेहरों के साथ प्रोफेशनल को मौका मिला है। कैबिनेट विस्तार में सबसे अहम रहा महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी को बदलना। पिछले दो साल के कोरोना काल में कई मंत्रालयों पर देश की सबसे ज्यादा नजर थी।

1. स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना काल में सबसे अहम रोल स्वास्थ्य मंत्रालय का था जो जनता के पैमाने पर खरा नहीं उतर सका। कोरोना के दौरान स्वास्थ्य सेवााओं को लेकर केंद्र में स्वास्थ्य मंत्रालय चर्चा में रहा है। अब डॉक्टर हर्षवर्धन को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अब मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। कोरोना काल में ऑक्सीजन सप्लाई के मामले में मनसुख मंडाविया ने अहम रोल निभाया था ।नए स्वास्थ्य मंत्री के सामने कई चुनौतियां होंगी।

2. शिक्षा मंत्रालय

कोरोना काल में शिक्षा क्षेत्र में काफी प्रभाव पड़ा। पिछले करीब डेढ़ साल से स्कूल लगभग बंद ही हैं। बच्चे घरों में ही पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन एजुकेशन पर पूरा जोर चला गया है। ऐसे में कोरोना काल में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा मंत्रालय की भी रही। रमेश पोखरियाल निशंक की छुट्टी हो गई है। अब धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले उनके पास पेट्रोलियम मंत्रालय था. धर्मेंद्र प्रधान के सामने को शिक्षा क्षेत्र को फिर से खड़ा करने और नई शिक्षा नीति को लागू करने की चुनौती होगी।

3. श्रम मंत्रालय

कोरोना काल प्रवासी मजदूरों के पलायन सबसे ज्यादा दुखद था।ऐसे में मजदूरों का मसला हमेशा चर्चा में रहा है। मोदी सरकार की इस नई टीम में श्रम मंत्रालय के जिम्मे को भी बदल दिया गया है। संतोष गंगवार की छुट्टी हुई है और अब भूपेंद्र यादव को श्रम-रोजगार मंत्रालय का जिम्मा मिला है।

4. पेट्रोलियम मंत्रालय

पेट्रोल-डीजल के दामों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में टूट चुकी अर्थव्यवस्था के बीच आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। अब हरदीप पुरी पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा संभालेंगे। इससे पहले ये मंत्रालय धर्मेंद्र प्रधान के पास था. हरदीप पुरी के सामने चुनौती होगी कि पेट्रोल-डीजल के दाम के बीच सरकार की छवि को बचाया जाए।

5. रेल मंत्रालय

भारत की लाइफलाइन मानी जाने वाली रेलवे को अब नया कैबिनेट मंत्री मिला है। कैबिनेट विस्तार में पीयूष गोयल से रेल मंत्रालय वापस ले लिया गया है। अब पूर्व अफसर अश्विनी वैष्णव को ये जिम्मेदारी दी गई है। प्रवासी मजदूरों के पलायन के वक्त रेलवे का सबसे अहम रोल रहा था।