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कपिल सिब्बल छोड़ेंगे कांग्रेस का साथ? पार्टी के नेतृत्व पर उठाए गंभीर सवाल

एक वक्त में कांग्रेस (Congress) का दबदबा होता था और आज कांग्रेस लोकल पार्टी से भी पीछे हो गई है। ऐसा सिर्फ जनता ही नहीं, बल्कि खुद कांग्रेसी नेता भी सोचता हैं। कांग्रेस नेता खुद कबूलते हैं कि कांग्रेस अब बहुत कमजोर हो गई है और इसकी वजह वह नेतृत्व को मानती है। हाल ही में, बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इसकी वजह से कांग्रेस के ही नेता पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने भी कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाया है और राहुल गांधी (Rahul Gandhi)-सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर निशाना साधा है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के नेता ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। सिब्बल से पहले तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा था। सिब्बल ने यहां तक कह दिया है कि जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखती। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सिब्बल ने बिहार चुनाव में हार का जिम्मेदार राहुल और सोनिया की कमजोर नेतृत्वता को ठहराया है। साथ ही ये भी कहा कि कांग्रेस अब भाजपा के टक्कर में नहीं।

हालिया इंटरव्यू में सिब्बल ने पार्टी पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, ‘बिहार ही नहीं, विभिन्न राज्यों के उपचुनावों के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. बिहार में विकल्प तो आरजेडी ही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक भी सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2 फीसदी से भी कम वोट मिले, जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है’।

सिब्बल ने तारिक अनवर की बात को भी दोहराया है। अनवर ने कांग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह दी थी। इसके जवाब में सिब्बल ने कहा, यदि छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब क्या उम्मीद है? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता हैं, हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है। कांग्रेस पार्टी भी यह अच्छी से जानती है, लेकिन वे इन उपायों को अपनाना नहीं चाहते। यदि वे ऐसा ही करते रहेंगे तो प्रदर्शन का ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा।