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इंसान के बाद अब भगवान पर अटैक करेगा पाकिस्तान, इस मंदिर को बनाया निशाना

आतंकवाद के जन्मदाता के रूप में पूरी दुनिया में कुख्यात पाकिस्तान का एक और नापाक मंसूबा सामने आया है. भारत में आतंकवाद फैलाने वाला पाकिस्तान अब भगवान पर अटैक करने की फिराक में है. खुफिया दस्तावेजों में यह दावा किया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश में कश्मीरी पंडितों और बाहरी व्यक्तियों को निशाना बनाने के बाद पाकिस्तान अब प्राचीन मंदिरों पर हमले की साजिश रच रहा है.

खुफिया दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में मौजूद एक प्राचीन गणेश मंदिर आतंकवादियों के निशाने पर है. आतंकी इस मंदिर पर अटैक कर न केवल घाटी में दहशत फैलाना चाहते हैं, बल्कि एक अलग संदेश भी देना चाहते हैं. यहां जानना जरूरी है कि इसी साल अक्टूबर महीने में कई सालों बाद इस मंदिर को खोला गया था.

दावा किया गया है कि इस प्राचीन गणेश मंदिर को खोले जाने पर पाकिस्तान में प्रोपेगेंडा हुआ था और इसके बाद ही आईएसआई की मदद से आतंकवादी संगठनों ने इसे अपने निशाने पर ले लिया है. दरअसल, पाकिस्तान का मकसद मंदिरों को टारगेट पर लेकर कश्मीर में हिंदू-मुस्लिम के बीच की खाई को और बढ़ाना है. धारा 370 हटने के बाद मुसलमानों ने ही इस मंदिर को खुलवाया था और यही बात पाकिस्तान को हजम नहीं हो रही है.

मोदी सरकार के खिलाफ फर्जी सूचना फैलाने की तैयारी में पाक
इतना ही नहीं, सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि भारत में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान ने एक नया ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसका ब्योरा सीएनएन-न्यूज18 के पास है. सूत्रों ने कहा कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) नशीले पदार्थों के माध्यम से आतंकी फंडिंग को बढ़ाने और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा गलत सूचना अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल असीम मुनीर अहमद को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और अफगानिस्तान में अपने देश की रणनीति की विफलता के बाद पाकिस्तान के हालात को फिर से स्थापित करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

कश्मीर में यह है आईएसआई की प्लानिंग
खुफिया सूत्रों ने कहा कि नार्को फंडिंग उन सबसे बड़े रास्तों में से एक है जिसके माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीर में अपनी जड़ें फिर से जमाना चाहता है और इसीलिए एजेंसी घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों या सीमा के दोनों ओर बैठे ड्रग डीलरों के माध्यम से नशीली दवाओं की खेप भेज रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हाइब्रिड किलिंग के नए मानदंड स्थापित करने के लिए वे स्थानीय लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें इस ड्रग मनी के माध्यम से भुगतान किया जाता है.