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आय से अधिक मामले में इंजीनियर के घर छापा, करोड़ों की संपत्ति का हुआ खुलासा

आय से अधिक संपत्ति के मामले में रविवार को विजिलेंस ने सिवान के रिटायर्ड इंजीनियर धनंजय मणि तिवारी के आवास पर छापामारी की. इस दौरान चार करोड़ से अधिक की संपत्ति बरामद की गई है.रिटायर्ड इंजीनियर और उनकी पत्नी संजना तिवारी के खिलाफ विजिलेंस ने 19 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद रविवार को सिवान के मुफस्सिल थाना अंतर्गत मालवीय नगर इलाके में धनंजय मणि तिवारी के तीन मंजिला आवास पर छापेमारी की और चार करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति बरामद की.

डीएसपी कन्हैयालाल के नेतृत्व में विजिलेंस की टीम ने रविवार सुबह 9 बजे के करीब धनंजय मणि तिवारी के आवास पर पहुंचकर छापेमारी शुरू की जो देर शाम तक चलती रही. छापेमारी के दौरान विजिलेंस की टीम को धनंजय मणि तिवारी के घर से 2.5 करोड़ की जमीन के कागजात, 22 बैंक खाते, 10 लाख के जेवरात, तकरीबन 5 लाख कैश, एसयूवी गाड़ी, करीब 17 लाख के निवेश और बीमा के कागजात बरामद किए गए. जानकारी के मुताबिक के धनंजय मणि तिवारी ने 1993 में बिहार सरकार में नौकरी शुरू की थी और पिछले साल सितंबर में वह रिटायर हुए थे.

विजिलेंस की टीम इस दौरान धनंजय मणि तिवारी की आय को आधार मानकर अपनी जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस तरीके से उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की. विजिलेंस के सूत्रों ने बताया कि अगर रिटायर इंजीनियर की पूरी नौकरी के दौरान उनकी तनख्वाह उन सभी प्रकार के आय को मिलाया जाए तो यह करीब 1.5 करोड़ के आसपास होगा मगर छापेमारी के दौरान विजिलेंस की टीम को अब तक 4 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है.

धनंजय मणि तिवारी के चार बच्चे हैं जिनमें से दो बेटियां और दो बेटे हैं. दोनों बेटियां डॉक्टर हैं जिनमें से एक पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में कार्यरत है और दूसरी भुवनेश्वर में काम करती हैं. धनंजय मणि तिवारी के दोनों बेटे भी इंजीनियर हैं जिनमें से एक बीएसएनएल में काम करता है और दूसरा जमालपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत है. धनंजय मणि तिवारी सिवान डिस्ट्रिक्ट बोर्ड से रिटायर हुए थे.

रिटायर्ड होने के बाद भी कुर्सी पर काबिज हैं इंजीनियर

जिला परिषद के इंजीनियर धनंजय मणि तिवारी प्रभावशाली व्यक्ति हैं. अपने इसी रसूख के बदौलत जिला परिषद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे फिर से अनुबंध पर वहां बहाल हो गए. कहा जाता है कि उनकी मर्जी के खिलाफ कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती.