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अस्थमा सहित कई अन्य बीमारियों में लाभ पहुंचाता है सरसों का तेल, जानिए इसके अद्भुत फायदे

देश में भले ही कई तरह के तेलों का इस्तेमाल किया जाता हो लेकिन ज्यादातर खानों में सरसों के ही तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसायुक्त अम्ल की मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा इस तेल से बने खानों का स्वाद और तेलों के मुकाबले काफी अलग होता है, और शरीर को कई तरह से फायदा भी पहुंचाता है. भारत के लोग सरसों का तेल खाने में ही नहीं बल्कि बालों में लगाने से लेकर त्वचा, ज्वाइंट, मांसपेशियों और दिल के रोगों के इलाज में भी किया जाता है.

वैज्ञानिकों की माने तो सरसों में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं. जी हां जोड़ों के दर्द से लेकर कमर दर्द, पीठ दर्द और कान दर्द से राहत दिलाता है. हालांकि ज्यादातर लोग इसे सिर्फ तेल के रूप में ही इस्तेमाल करते हैं लेकिन इस बात के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आयुर्वेद ने इसे दवाई की श्रेणी दिया है. जी हां आज हम आपको अपनी खबर में बताएंगे कि सरसों तेल के क्या-क्या लाभ होते हैं.

सरसों तेल के फायदे…

1. त्वचा
आयुर्वेद की माने तो सरसों का तेल इस्तेमाल करने से त्वचा को आराम मिलता है. इसके अलावा इस तेल में विटामिन ई की मात्रा भी पाई जाती है.

2. दिल के लिए है फायदेमंद
वैज्ञानिकों के द्वारा हुई रिसर्च में इस बात का प्रमाण मिला है कि सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य सही रहता है. दरअसल तेल में एयूएफए की मात्रा पाई जाती है. जिससे शरीर का ब्ल्ड सर्कुलेशन सही रहता है. इसके अलावा सरसों के तेल में अल्फा-लिनोलेनिक नाम का एसिड पाया जाता है, जो दिल को छोटी-छोटी बीमारियों से मुक्ति दिलाता है.

3. शरीर के दर्द में फायदेमंद
सरसों का तेल जोड़ों के दर्द और कमर के दर्द में भी काफी फायदा देता है. इसके अलावा सरसों का तेल खाने से शरीर के अंदरूनी जख्म को भी फायदा मिलता है.

5. इंफेक्शन से बचाता है
आयुर्वेद की माने तो इस तेल शरीर में एंटी बैक्टिरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल होता है. यानी कि इसका इस्तेमाल करने से अंदरुनी और बाहरी इंफेक्शन से लड़ने में मददगार साबित होता है. इसके अलावा सरसों का तेल खाने में इस्तेमाल करने पर ये पेट में होने वाले डाइजेस्टिव इंफेक्शन को भी रोकता है.

6. अस्थमा की बीमारी में करें इस्तेमाल
आयुर्वेद की माने तो सरसों का तेल अस्थमा की बीमारी में इस्तेमाल करने से लोगों को इस बीमारी से लड़ने में मदद मिलता है. इसके अलावा इस तेल में मैग्नीशियम की भी मात्रा पाई जाती है.