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अमेरिकी फुटबॉल लीग सुपर बाउल के दौरान दिखाया गया किसान आंदोलन का विज्ञापन

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ किसान आंदोलन विदेशों में भी लोगों का ध्यान खींच रहा है। हाल ही में पॉप स्टार सिंगर रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग समेत कई सेलिब्रिटीज द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद अब विदेशी लीग में किसान आंदोलन का ऐड दिखाया गया है। अमेरिका की लोकप्रिय फुटबॉल सुपर बाउल लीग के दौरान किसान आंदोलन से जुड़ा ऐड चला है। इसका वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया वीडियो 40 सेकेंड का है, जिसमें भारत से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कहा गया है। वीडियो में मार्टिन लूथर किंग जूनियर का कोट भी है। इसके अलावा, आंदोलन को इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया गया। किसान आंदोलन से जुड़ी तस्वीरों वाले इस वीडियो में कहा गया कि अब तक 160 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। इसमें 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के भी कुछ तस्वीरें हैं।

रिपोर्ट्स की मानें तो सुपर बाउल अमेरिका में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लीग्स में से एक है। इसके ऐड की कीमत भी अन्य खेलों में प्रसारित होने वाले विज्ञापन की तुलना में काफी अधिक है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद सेकेंड्स के विज्ञापन के लिए कंपनियों को 36 से 44 करोड़ रुपये तक देने पड़ते हैं। हर साल यह दर पिछले साल के मुकाबले बढ़ती भी है।
फुटबॉल लीग में प्रसारित किए गए इस ऐड को ट्विटर पर कई वैरिफाइड अकाउंट्स ने शेयर किया है। सिमरन जीत सिंह नामक यूजर लिखते हैं, ”किसान आंदोलन पर सुपर बाउल ऐड। अगर आपने अभी तक इसे नहीं सुना है तो यह समय है। यह अन्याय का मुद्दा है और हम सभी को प्रभावित करता है।” वहीं, एक अन्य वैरिफाइड अकाउंट सिंगर जैजी बी ने टीवी पर चल रहे ऐड को शेयर करते हुए लिखा है कि दुनिया देख रही है। सुपर बाउल इवेंट के दौरान किसान आंदोलन का प्रसारण।

गौरतलब है कि इससे पहले भी किसान आंदोलन पर दुनियाभर की कई हस्तियां ट्वीट्स कर चुकी हैं। पॉप स्टार रिहाना ने सीएनएन के लेख को शेयर किया था, जिसमें कहा गया था कि भारत में किसान आंदोलन के दौरान इंटरनेट बंद किया गया। उन्होंने लिखा था कि हम इसकी बात क्यों नहीं कर रहे हैं? उनके इस ट्वीट के बाद कई अन्य हस्तियों ने भी ट्वीट कर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। बाद में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर जल्दबाजी में ट्वीट करने से पहले तथ्यों की जांच करने के लिए कहा था।